टीचर्स की कमी से जूझ रहे एमपी में एक और कारनामा, एक ही स्कूल में 11 शिक्षकों को बता डाला ब्रेन ट्यूमर का मरीज
MP News :बाबुओं ने किया कारनामा! एक ही स्कूल के 11 शिक्षकों को बता दिया ब्रेन ट्यूमर का मरीज। बीईओ कार्यालय में मनमानी रूप से तैयार की गई सूची, अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग 28 अगस्त को होगी।
MP News : शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों में रिक्त पदों की पूर्ति के लिए अतिशेष शिक्षकों की पोस्टिंग करने के निर्देश जारी किए हैं। इस संदर्भ में 28 अगस्त को विशेष काउंसलिंग आयोजित की जाएगी। हालांकि, अतिशेष शिक्षकों की सूची तैयार करने में व्यापक स्तर पर मनमानी के मामले सामने आए हैं, जिससे इस प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
विकासखंड शिक्षा अधिकारी ( बीईओ ) कार्यालय के बाबुओं द्वारा अतिशेष शिक्षकों की सूची से कुछ शिक्षकों को बचाने के लिए विभिन्न कारण गढ़े गए हैं। नियमानुसार, गंभीर बीमारियों से पीड़ित शिक्षकों को अतिशेष की सूची में शामिल नहीं किया जाता और उन्हें दूसरी जगह स्थानांतरित नहीं किया जाता, लेकिन मध्य प्रदेश के रीवा शहर के नजदीक बदरांव हायर सेकंडरी स्कूल के 11 शिक्षकों को ब्रेन ट्यूमर का मरीज बताकर अतिशेष सूची से बाहर रखा हुआ है।
इसके अलावा, कुछ शिक्षकों को किडनी ट्रांसप्लांट और कुछ को अपंगता का आधार बताकर सूची से बचा लिया गया है। इन सभी शिक्षकों के नाम अब एजुकेशन पोर्टल पर दिख रहे हैं। अब केवल वे शिक्षक ही काउंसलिंग में शामिल होंगे जो पोर्टल पर अतिशेष की सूची में दिखाई दे रहे हैं। इतना ही नहीं, जो शिक्षक उच्च पद का प्रभार ले चुके हैं, उन्हें भी उनके पूर्व के विद्यालय में अतिशेष के रूप में दर्शाया गया है।
काउंसलिंग के विधिवत आयोजन के लिए संयुक्त संचालक और जिला शिक्षा अधिकारी को भी विभाग की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं। इनमें कहा गया है कि एजुकेशन पोर्टल पर अतिशेष शिक्षकों की सूची प्रदर्शित कर दी गई है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा सुबह 10 बजे से काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जहां वर्ग तीन श्रेणी के सभी रिक्त पदों की पुष्टि के बाद सूची को चस्पा किया जाएगा। निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी विद्यालय में वर्ग तीन का पद खाली है तो उसी स्कूल के अतिशेष शिक्षक को प्राथमिकता दी जाएगी। अतिशेष शिक्षकों की नियुक्ति के बाद बची हुई खाली सीटों पर अतिथि शिक्षकों की पोस्टिंग की जाएगी। हाल ही में उच्च पदों पर शिक्षकों को प्रभार दिए जाने के बाद से कुछ हद तक स्कूलों में शिक्षकों की कमी की समस्या का आंशिक समाधान हुआ है, लेकिन इस प्रक्रिया मेंअनियमितता और मनमानी से संबंधित आरोपों ने पूरी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
दो श्रेणियों में बांटे गए अतिशेष शिक्षक
अतिशेष शिक्षकों को 2 श्रेणी में बांटा गया है। अ श्रेणी में ऐसे शिक्षक जो उच्चतर माध्यमिक अथवा इंटरमीडिएट परीक्षा (गणित/विज्ञान/कृषि) विषय से उत्तीर्ण हैं एवं प्रयोगशाला शिक्षक विज्ञान के पद की पात्रता रखते है। ब श्रेणी में अ श्रेणी के शिक्षकों को छोडकऱ शेष शिक्षक शामिल किए गए हैं।
काउंसलिंग प्रक्रिया के दौरान, भोपाल में अधिकारियों की एक टीम ऑनलाइन जुड़ी रहेगी, जो जिला शिक्षा अधिकारी से समय-समय पर अद्यतन जानकारी प्राप्त करेगी। काउंसलिंग में सबसे पहले गणित, विज्ञान, और कृषि विषय के अहर्ताधारी सहायक शिक्षकों और संबंधित प्राथमिक शिक्षकों को क्रम से शामिल किया जाएगा। जो शिक्षकगण पहले से स्वीकृत अवकाश पर हैं, उनकी काउंसलिंग उनके लिखित अभ्यावेदन के आधार पर की जाएगी। ऐसे मामलों में आवश्यक निर्णय संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी और जिले के लिए चिन्हांकित पर्यवेक्षक संयुक्त रूप से लेंगे, ताकि प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी हो सके।
सूची तैयार करने में ऐसे हुई मनमानी
अटरिया के स्कूल में पदस्थ शिक्षक संतोष मिश्रा गणित विषय में अकेले हैं। इसके बावजूद कई शिक्षक होने की बात कर उन्हें अतिशेष बताया गया है।
बीईओ कार्यालय से हेराफेरी किए जाने की शिकायत भी संबंधित की ओर से की गई।
शहर के गवर्नमेंट स्कूल नंबर दो में सामाजिक विज्ञान विषय की शिक्षिका अंजुला शुक्ला को विज्ञान विषय का बताकर अतिशेष कर दिया गया है। इसकी भी शिकायत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से की गई है।
मामले को लेकर रीवा बीईओ आकांक्षा सोनी का कहना है कि अतिशेष शिक्षकों की जो सूची तैयार की गई है वह नियमानुसार ही है। किसी विशेष शिक्षक के नाम पर यदि त्रुटि हुई है तो उसको देखेंगे कि कहां से गलती हुई है।
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