1. प्रेम
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि दुनिया में रिश्तो को सहेज कर रखना बहुत मुश्किल होता है। सच्चे रिश्ते मिलना भी नसीब की बात है। अगर कोई व्यक्ति आपसे सच्चा प्रेम करता है और आपकी भलाई सोचता है, तो ऐसे लोगों के सामने पैसे का कोई मूल्य नहीं है। क्योंकि पैसों से कभी भी किसी का प्रेम नहीं खरीदा जा सकता। इसलिए ऐसे लोगों को हमेशा अपने निकट रखें। ये लोग आपके हाथ में पैसा ना होने पर भी हितैषी के रूप में आपके साथ खड़े रहेंगे।
2. धर्म
धर्म के द्वारा मनुष्य को सही गलत की पहचान होती है। इसलिए धर्म से ऊपर धन को रखा जाना बेवकूफी है। चाणक्य नीति के अनुसार यदि धन कमाने के चक्कर में धर्म को त्याग दिया तो ऐसे लोगों का समाज में कोई मान-सम्मान नहीं रह जाता। धर्म को त्याग देने वाला व्यक्ति जल्द ही बुराई की रास्ते पर चलने लगता है और लोगों की घृणा का शिकार बनता है।
3. स्वाभिमान
आचार्य चाणक्य के अनुसार इस दुनिया में आपके लिए स्वाभिमान से बढ़कर कोई दूसरी चीज नहीं होनी चाहिए। अगर आपको अपना स्वाभिमान बचाने के लिए सब कुछ त्यागना पड़े तो भी झिझकें नहीं। व्यक्ति धन को अपनी मेहनत से दोबारा कमा सकता है, लेकिन आत्मसम्मान चला जाए तो उसे वापस पाना बहुत कठिन है।