काशी की बुरी शक्तियों से रक्षा करती हैं माता
मान्यता है कि एक समय देवासुर नाम के राक्षस ने वाराणसी में संतों आम लोगों पर अत्याचार शुरू कर दिया। इस पर मां स्कंदमाता ने उस राक्षस का विनाश कर दिया। इस घटना के बाद यहां माता की पूजा की जाने लगी। मान्यता है कि माता यहां विराजमान हो गईं और काशी की बुरी शक्तियों से रक्षा करती हैं।
नवरात्रि में यहां सुबह 6.30 बजे से रात नौ बजे तक दर्शन किए जा सकते हैं। नवरात्रि में दिनभर मंदिर खुला रहता है, लेकिन आमदिनों में यह मंदिर दोपहर में बंद होता है। यहां दर्शन करने से माता सबकी मुराद पूरी करती हैं।
विदिशा विदिशा (मध्य प्रदेश) में पुराने बस स्टैंड के पास सांकल कुआं के पास दुर्गाजी का विशाल मंदिर है। इसकी स्थापना 1998 में हुई थी, यहां माता दुर्गा का स्कंदमाता स्वरूप विराजमान है। मंदिर के पुजारी के अनुसार 40 से 45 साल पहले इस जगह पर झांकी सजाई जाती थी।