कुछ साल पहले तक शनि मंदिर शिंगणापुर में महिलाओं का प्रवेश पूर्णत: प्रतिबंधित था। ऐसा कहा जाता था कि शनि मंदिर में महिलाओं का प्रवेश करना शास्त्र सम्मत नहीं है। जिसे लेकर महिला संगठनों द्वारा न्यायालय की शरण ली गई और वहां से आदेश हुआ कि महिलाओं को प्रवेश दिया जाए। जिसे मंदिर प्रबंधन ने मान लिया।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक को लेकर आदेश जारी करते हुए कहा था कि महिलाओं को मंदिर में घुसने से नहीं रोका जा सकता। कोर्ट ने साफ किया कि कोई भी नियम महिलाओं को ऐसी जगह जाने से नहीं रोक सकते, जहां पुरुष जा सकते हैं वहां महिलाएं भी जा सकती हैं। आइए हम आपको बताते हैं शनिदेव से जुड़ी एक रोचक कथा जिसके आधार पर ऐसा कहा जाता है।
ज्योतिषाचार्य सचिनदेव महाराज के अनुसार हिंदू धर्म में शनि की नजर को अशुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि जिसे भी शनि देख ले उसके बुरे दिन शुरु हो जाते हैं। आखिर क्यों शनि की नजर अशुभ है। ब्रह्मवैर्व पुराण में इसके पीछे एक कथा का वर्णन है, जो इस प्रकार है-
सूर्य पुत्र शनि का विवाह चित्ररथ नामक गंधर्व की कन्या से हुआ था, जो स्वभाव से बहुत ही उग्र थी। एक बार जब शनिदेव भगवान की आराधना कर रहे थे तब उनकी पत्नी स्नान के बाद मिलन की कामना से उनके पास पहुंची। किंतु शनि भगवान भक्ति में इतने लीन थे कि उन्हें इस बात का पता ही नहीं चला। जब शनिदेव का ध्यान भंग हुआ तब तक उनकी पत्नी का ऋतुकाल समाप्त हो चुका था। इससे क्रोधित होकर शनिदेव की पत्नी ने उन्हें शाप दे दिया कि पत्नी होने पर भी आपने मुझे कभी प्रेम दृष्टि से नहीं देखा अब आप जिसे भी देखेंगे उसका कुछ न कुछ बुरा हो जायेगा। इसी कारण शनि की दृष्टि में दोष माना गया है। और यही कारण भी है कि महिलाओं का प्रवेश शनि मंदिरों में वर्जित माना गया है।