बृहस्पति मुद्रिका रेखा
बृहस्पति मुद्रिका रेखा किसी व्यक्ति के हाथ में मध्यमा और तर्जनी उंगली के बीच के भाग से प्रारंभ होकर बृहस्पति क्षेत्र को गोलाई में घेरती है। इसका आकार अंगूठी के समान होने और बृहस्पति क्षेत्र को गोलाई में घेरने के कारण ही इस रेखा को बृहस्पति मुद्रिका रेखा नाम दिया गया है।
हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार यदि किसी व्यक्ति के हाथ में बृहस्पति मुद्रिका रेखा होती है तो वे लोग अत्यंत ज्ञानी होते हैं और सांसारिक मोह-माया में आसानी से नहीं पड़ते हैं। साथ ही ये लोग धार्मिक कार्यों में अधिक संलग्न होते हैं और समाज में इनका अच्छा ओहदा होता है।
भाग्य रेखा का ऐसा होना
हस्तरेखा शास्त्र के मुताबिक यदि किसी व्यक्ति की हथेली में भाग्य रेखा का प्रारंभ चंद्रमा के क्षेत्र से होता है तो ऐसे व्यक्ति जिस भी काम में हाथ डालते हैं उन्हें सफलता प्राप्त होती है। साथ ही इन लोगों का स्वभाव हर किसी के संग अच्छा होता है। इन्हें अपने जीवन में कोई मान-सम्मान प्राप्त होता है।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)