हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार यदि मस्तिष्क रेखा दो भागों में बंट जाए और इसकी एक रेखा मंगल क्षेत्र की तरफ बढ़ती है तो ऐसे लोग कल्पनाशील होने के साथ ही यथार्थवाद में भी विश्वास रखते हैं।
इसके अलावा यदि हृदय रेखा दो भागों में बंटकर दोमुखी रेखाएं बनाती है। तब हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार यदि हृदय रेखा का एक भाग शनि पर्वत की तरफ जाता है तो ऐसे लोगों को जीवन में कभी धन की कमी नहीं होती और ये लोग अपने कर्मों के प्रति भी जागरूक होते हैं। वहीं यदि हृदय रेखा से एक रेखा निकलकर हथेली के गुरु पर्वत की ओर जाती है तो ऐसे लोगों का अध्यात्म की तरफ झुकाव होता है।
वहीं हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार यदि जीवन रेखा दोमुखी रेखाएं बनाती है तो ऐसे लोग जीवन में कभी संघर्ष करने से नहीं डरते हैं। यदि जीवन रेखा से कोई रेखा निकलकर शुक्र क्षेत्र की तरफ जाती है तो ऐसे लोगों के जीवन में पैतृक संपत्ति से लाभ के योग बनते हैं। इनका जीवन सुख-सुविधाओं से युक्त होता है।