1. नवरात्रि के पवित्र दिनों में व्रत करने वाले व्यक्ति के अलावा अन्य लोगों को भी बिना स्नान किए कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए। स्नान आदि से निवृत होने और मां दुर्गा की पूजा करने के बाद ही कुछ भी खाएं पिएं।
2. शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि में सिलाई-कढ़ाई का काम करना भी शुभ नहीं माना जाता है क्योंकि इस कार्य में नुकीली चीजों का इस्तेमाल होता है। और 9 दिनों तक धारदार या नुकीली चीजों का उपयोग वर्जित होता है।
3. जो व्यक्ति दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा पढ़ता है या मंत्रों का जाप करता है उसे इस दौरान कोई दूसरी बात बिल्कुल नहीं बोलनी चाहिए और ना ही अपना ध्यान कहीं और भटकने देना चाहिए। क्योंकि मान्यता है कि ऐसा करने से आपके पाठ का फल नकारात्मक शक्तियां ले जाती हैं।
4. नवरात्रि की समय व्यक्ति को तन और मन दोनों से संयम बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। इसलिए इन नौ दिनों में व्यक्ति को अपनी काम भावना पर नियंत्रण रखते हुए महिला और पुरुष दोनों को ही ब्रह्मचर्य का पालन करना आवश्यक होता है।
5. कहा जाता है कि मां दुर्गा का वास उसी घर में होता है जहां सुख-शांति और परिवारीजनों में प्रेम होता है। इसलिए मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि के दिनों में परिवार के सदस्यों को किसी भी लड़ाई-झगड़े या ग्रह-कलेश से बचना चाहिए।
6. जो लोग नवरात्र व्रत रखते हैं उन्हें 9 दिनों तक बिल्कुल भी नमक और अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए। नवरात्र में व्रत खोलते समय आप खाने में सिंघाड़े और कुट्टू का आटा, साबूदाने की खिचड़ी, फल, दही, सेंधा नमक, आलू, सूखे मेवे, मूंगफली आदि खा सकते हैं।