समान्यतः महावीर जयंती पर धार्मिक जुलूस (रथयात्रा) निकाला जाता है। जैन मंदिरों को झंडों से सजाया जाता है और गरीबों व जरूरतमंदों को प्रसाद दिया जाता है। लेकिन इस बार कोरोना महामारी के संक्रमण को देखते हुए कोरोना कर्फ्यू के नियमों का पालन करते हुए, जैन धर्म के लोग 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का 2620 वां जन्म कल्याणक रविवार को मना रहे हैं। वहीं इस साल कोरोना आपदा के कारण महावीर जयंती विशेष एहतियात के साथ घरों में मनाई जा रही है।
जैन धर्म विश्व शांति और सद्भाव पर ध्यान केंद्रित करता है, ताकि जीवित प्राणियों को कोई या न्यूनतम नुकसान न पहुंचे। इसलिए, पशुओं को वध से बचाने में योगदान देने के लिए भी दान किया जाता है।
ऐसे में रविवार, 25 अप्रैल को सुबह जैन धर्मावलबियों ने घरों की छतों पर जैन ध्वज फहराया। वहीं इसके साथ ही श्वेत परिधान में पुरुषों ने और केसरिया वस्त्र पहनकर महिलाओं ने घरों की छत व बालकनी से घंटियां बजाकर व वाद्ययंत्रों के साथ भगवान महावीर के जयकारे लगाए।
इसके बाद घर में एक चौकी पर भगवान महावीर स्वामी की तस्वीर विराजमान की गई। फिर मंगल कलश स्थापना के साथ ही दीप प्रज्वलित कर महावीर अष्टक व चालीस का पाठ किया गया।
भगवान महावीर यानि ऋषि वर्धमान
भगवान महावीर का जन्म हिंदू कैलेंडर के चैत्र माह के 13 वें दिन बिहार में वैशाली के कुंडलग्राम में राजा सिद्धार्थ और रानी त्रिशला के यहां हुआ था। जब वह 30 साल का हो गए, तब भगवान महावीर ने अपना मुकुट त्याग दिया और 12 साल निर्वासन में तपस्या के रूप में संसार के सुख से दूर बिताए। उन्हें ऋषि वर्धमान भी कहा गया और उन्होंने अहिंसा (अहिंसा) का प्रचार किया।
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12 वर्ष की घोर व कठिन तपस्या के बाद जंभियगाम के पास ऋजुपालिक नदी के तट पर साल वृक्ष के नीचे उन्हें कैवल्य ज्ञान ( सर्वोच्च ज्ञान ) की प्राप्ति हुई, इसी कारण भगवान महावीर को केवलिन भी कहा जाता है।
भगवान महावीर की जन्मतिथि को लेकर श्वेताम्बर और दिगंबर जैनों में अलग अलग मत है , श्वेताम्बर जहां इनका जन्म 599 ईसा पूर्व मानते हैं, वहीं दिगंबर का मानना है कि भगवान महावीर ने 615 ईसा पूर्व में जन्म लिया था।
जैन धर्मावलम्बी मानते हैं कि जैन धर्म के प्रत्येक चक्र का मार्गदर्शन करने वाले तीर्थंकरों के साथ जैन धर्म एक सनातन (हमेशा रहने वाला ) धर्म है। परस्परोपग्रहो जीवानाम् (जीवों के परस्पर में उपकार हैं यानि सभी जीव एक दूसरे पर आश्रित हैं) जैन धर्म का आदर्श वाक्य है, जबकि जैन धर्म में णमोकार मंत्र सबसे आम और बुनियादी प्रार्थना है।
आपने निकट और प्रियजनों को ऐसे दें महावीर जयंती 2021 की शुभकामनाएं :
: जियो और जीने दो। आपको महावीर जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं !
: शांति के लिए प्रयास करें और प्रेम और सद्भाव के माध्यम से भाईचारे के बंधन को मजबूत करें। आपको महावीर जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं !
: महावीर जयंती के इस शुभ दिन पर अस्मिता के मार्ग पर चलने का पवित्र संकल्प लें।
: भगवान महावीर आपको महावीर जयंती, और प्रत्येक दिन पर आशीर्वाद देते हैं।
: भगवान महावीर की शिक्षाएं आपको सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती हैं। आपको महावीर जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं !