पंचांग के मुताबिक एकादशी तिथि 23 जून, गुरुवार को रात्रि 9:41 बजे से शुरू होकर इसका समापन 24 जून, शुक्रवार को रात 11:12 बजे पर होगा। वहीं योगिनी एकादशी का व्रत 24 जून को रखा जाएगा।
योगिनी एकादशी व्रत का पारण
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक योगिनी एकादशी व्रत का पारण 25 जून, शनिवार को प्रातः 5:41 बजे से सुबह 8:12 बजे के मध्य है।
योगिनी एकादशी पूजा विधि
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी व्रत का पालन दशमी तिथि की रात्रि से ही शुरू हो जाता है। दशमी तिथि की रात्रि को व्रत करने वाले लोगों को बिना नमक वाला सात्विक भोजन करना चाहिए। फिर एकादशी तिथि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद घर के पूजा स्थल को साफ करके वहां दीप जलाएं और एकादशी व्रत का संकल्प लें।
इसके पश्चात घर के मंदिर में एक चौकी लगाकर उस पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं और इस पर विष्णु जी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। फिर भगवान विष्णु को पीला रंग अतिप्रिय होने के कारण उन्हें पूजा में पीला चंदन, पीले फूल, पीले फल और मिष्ठान आदि अर्पित करें। साथ ही भोग के साथ तुलसी दल जरूर रखें। शास्त्रों के अनुसार तुलसी के बिना विष्णु भगवान की पूजा संपूर्ण नहीं मानी जाती है। इसके बाद धूप-दीप जलाकर आरती करें और फिर मन में भगवान विष्णु से आशीर्वाद प्राप्त प्राप्ति कामना करें।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)