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Navratri Puja Samagri: पूजा की यह चीज देती है बुरी घटना का संकेत, जानिए नवरात्रि पूजा की वस्तुओं के खास अर्थ

Navratri puja samagri नवरात्रि पूजन सामग्री में कई चीजें शामिल होती हैं। इनमें से हर एक के खास अर्थ होते हैं जिनसे लोगों को भविष्य के संकेत भी मिलते हैं। आइये जानते हैं नवरात्रि पूजन सामग्री के अर्थ (Navratri Poojan Samagri Arth)।

जयपुरOct 07, 2024 / 06:42 pm

Pravin Pandey

Navratri Poojan Samagri Arth: नवरात्रि पूजा सामग्री और अर्थ

मंगल कलश

धार्मिक ग्रंथों में कलश को सुख समृद्धि, ऐश्वर्य और मंगल कामनाओं का प्रतीक माना गया है। मान्यता है कि इसमें सभी ग्रह नक्षत्र और तीर्थों का वास होता है। इसके अलावा इस मंगल कलश में ब्रह्मा, विष्णु, महेश, नदी, सागर, सरोवर, तैतीस कोटि देवी देवता का भी वास मानते हैं।

जौ से भविष्य के संकेत

नवरात्रि पूजा के पहले दिन जौ बोया जाता है। ये समृद्धि, शांति और खुशहाली का प्रतीक होता है। मान्यता है कि आपके घर में जौ जिस तरह उगेगा, फलेगा-फूलेगा भविष्य में उसी तरह की घटनाएं घर में और घर के लोगों के साथ घटेंगी।
यदि जौ तेजी से बढ़ता है तो घर में समृद्धि आती है और ये बढ़ते नहीं, मुरझाए रहते हैं तो भविष्य में किसी अनिष्ट का संकेत देते हैं।

बंदनवार

प्राचीनकाल से ही हमारे यहां शुभ कार्य, अनुष्ठानों के दौरान मुख्य द्वार पर बंदनवार सजाए जाते हैं। मान्यता है कि इससे नकारात्मक शक्तियां घरों में प्रवेश नहीं करतीं। कहा जाता है नवरात्रि पूजा के पहले दिन मां के साथ कई बुरी शक्तियां भी आती हैं, लेकिन बंदनवार बंधे रहने से वो घर से बाहर रूक जाती हैं।

दीपक

मां दुर्गा की पूजा में शुद्ध देसी घी का अखंड दीप जलाया जाता है। मान्यता है कि इससे घर का वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। अखंड दीप को पूजा स्थल पर दक्षिण पूर्व दिशा में रखना चाहिए।
क्योंकि यह दिशा ही अग्नितत्व का प्रतिनिधित्व करती है। माता की पूजा में अखंड दीप जलाने से शत्रुओं पर विजय मिलती है और घर में सुख समृद्धि भी आती है। पूजा के दौरान यह दीप बुझना नहीं चाहिए, ऐसा होना शुभ नहीं माना जाता।
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लाल गुड़हल का फूल

गुड़हल माता का प्रिय पुष्प है। यह कोमल पुष्प सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। मान्यता है कि यह पुष्प मां दुर्गा को भेंट करने से माता जगदंबा भक्त की सभी मनोकामना पूरा करती हैं।

नारियल

नवरात्रि पूजा में कलश पर मौली और लाल कपड़े से नारियल को लपेटकर रखा जाता है। नारियल के बाहरी आवरण को अहंकार और भीतरी भाग को पवित्रता-शांति का प्रतीक माना जाता है।

मां दुर्गा के सामने नारियल को तोड़ने का अर्थ स्वयं के अहंकार को नष्ट कर निर्मल मन से मां के सामने अपनी भक्ति का समर्पण करना है। माना जाता है कि इससे माता जगदंबा प्रसन्न होती हैं और भक्त की मनोकामनाओं को पूरा करती हैं।
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