जयपुर के ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास के अनुसार तिल द्वादशी पर पानी में तिल मिलाकर स्नान से तीर्थ स्नान का पुण्यफल मिलता है। इसके अलावा पुराणों में माघ कृष्ण द्वादशी यानी तिल द्वादशी तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान बताया गया है। आइये जानते हैं तिल द्वादशी पर कैसे करें पूजा और तिल द्वादशी के उपाय..
नारद पुराण से कैसे करें तिल से पूजा (Til Dwadashi Mahatv)
नारद और स्कंद पुराण के अनुसार षटतिला एकादशी के अगले दिन माघ महीने के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि पर तिल दान विशेष शुभ फलदायक होता है। इस दिन द्वादशी व्रत किया जाता है और सूर्योदय से पहले उठकर तीर्थ स्नान करना चाहिए।
रविवार को तिल द्वादशी पूजा विधि (Til Dwadashi 2025 Puja Vidhi)
डॉ. अनीष व्यास के अनुसार ज्योतिष ग्रंथों में वर्णन है कि बारहवीं तिथि यानी द्वादशी के स्वामी भगवान विष्णु हैं। इस दिन रविवार रहेगा, रविवार के देवता सूर्य हैं। इसलिए रविवार को पड़ रहे तिल द्वादशी पर व्रत और स्नान-दान का कई गुना अधिक पुण्य फल मिलेगा। आइये जानते हैं तिल द्वादशी पूजा विधि- डॉ. व्यास के अनुसार तिल द्वादशी तिथि पर सूर्योदय से पहले उठकर तिल मिला पानी पीना चाहिए, फिर तिल का उबटन लगाएं। इसके बाद पानी में गंगाजल के साथ तिल डालकर नहाना चाहिए। पूजा से पहले व्रत और दान का संकल्प लें।
- फिर ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करते हुए पंचामृत और शुद्ध जल से विष्णु भगवान की मूर्ति का अभिषेक करें। इसके बाद फूल और तुलसी पत्र फिर पूजा सामग्री चढ़ाएं।
- इस दिन तिल से हवन करें। फिर भगवान विष्णु को तिल का नैवेद्य लगाकर प्रसाद में तिल खाने चाहिए और दूसरों को बांट दें। इस तिथि पर तिल दान करने अश्वमेध यज्ञ और स्वर्णदान करने जितना पुण्य मिलता है। मान्यता है कि जाने-अनजाने हुए हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं।
तिल दान के लाभ, तिल द्वादशी के उपाय (Til Dan Labh Career Upay)
सुख प्राप्ति उपाय
डॉ. अनीष व्यास के अनुसार तिल द्वादशी व्रत से हर सुख और वैभव मिलता है। यह व्रत कलियुग के हर पाप का नाश करता है।
दुर्भाग्य से मुक्ति
तिल द्वादशी के दिन तिल दान करने से जीवन में व्याप्त परेशानियों का अंत होता है। तिल द्वादशी को तिल दान करने से दुःख, दर्द, दुर्भाग्य और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
करियर को नए आयाम (Career Upay)
तिल द्वादशी के दिन तिल युक्त पानी से स्नान करने और स्नान ध्यान कर तिलांजलि देने से करियर को नया आयाम मिलता है। धार्मिक मान्यता है कि पितृ के प्रसन्न रहने से व्यक्ति जीवन में सबकुछ प्राप्त कर सकता है।ज्योतिष पितृ को प्रसन्न करने के लिए अमावस्या और पूर्णिमा तिथियों को तिल तर्पण करने की सलाह देते हैं। साथ ही तिल द्वादशी को तिल दान अवश्य करें। ये भी पढ़ेंः Weekly Horoscope 26 January To 1 February: इन 5 राशियों के लिए उतार चढ़ाव भरा है नया वीक, पढ़े साप्ताहिक राशिफल