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सीधी

MP के इस अभयारण्य को नहीं मिला नर घड़ियाल, प्रजनन को लेकर चिंता में प्रबंधन, आखिर कौन करेगा

सोन घड़ियाल अभयारण्य को नर घड़ियाल देने से राजधानी का इंकार, नहीं मिली अनुमति, खतरे में अस्तित्व, कुकरैल लखनऊ से घड़ियाल लाने की मांगी गई है अनुमति

सीधीJun 02, 2018 / 01:06 pm

suresh mishra

son gharial wildlife sanctuary in sidhi madhya pradesh

son gharial wildlife sanctuary in sidhi madhya pradesh

सीधी। मध्यप्रदेश के सीधी जिला स्थित सोन घड़ियाल अभयारण्य में घड़ियालों की वंशवृद्धि के लिए लखनऊ के कुकरैल अभयारण्य से नर घड़ियाल लाने के लिए वरिष्ठ कार्यालय भोपाल से अनुमति मांगी गई थी। लेकिन, एक साल से अधिकारी मामले को लटकाए हुए हैं। राजधानी से अनुमति नहीं मिलने के कारण जोगदहा घड़ियाल अभयारण्य में नर घड़ियाल नहीं आ पा रहा है। घड़ियालों का प्रजनन काल चल रहा है। नर घड़ियाल नहीं होने से इस वर्ष भी घड़ियालों की वंशवृद्धि नहीं हो पाएगी। इसलिए आने वाले कल में मध्यप्रदेश में घड़ियालों की औसत संख्या में दिन प्रतिदिन गिरावट भी देखी जा सकती है।
ये है मामला
बता दें कि वर्तमान समय में सोन घडिय़ाल अभयारण्य में एक भी नर घड़ियाल नहीं है। विगत दो-तीन वर्ष पहले तक 150 से ज्यादा घड़ियालों के बच्चे थे। लेकिन, कुछ बच्चे पानी के तेज बहाव में बह गए तो कुछ अवैध रेत उत्खनन का शिकार हो गए। रेत के अवैध कारोबारी सोन नदी की मुख्य धारा को रोकर नदी से रेत निकाल ली। इसलिए कुछ बच्चे भटकर जंगल में चले गए तो कई बच्चे पानी कम होने के कारण नष्ट हो गए। सोन घड़ियाल अभयारण्य क्षेत्र में नर घड़ियालों की संख्या एक भी न होने के कारण अभयारण्य प्रबंधन ने चिंता जाहिर की थी। पर यह भी प्रयास पूरी तरह कागजी निकल गया।
फरवरी से जून तक प्रजनन काल
घड़ियालों का प्रजनन काल फरवरी से जून के मध्य होता है। इस साल नर घड़ियाल मिलना संभव नहीं है। इससे मादा घड़ियालों के बीच प्रजनन नहीं हो पाएगा और वे अंडे नहीं दे पाएंगी। ऐसी स्थिति में सोन अभयारण्य में घड़ियालों के अस्तित्व पर संकट पैदा हो चुका है।
लगातार घट रही संख्या
घड़ियालों की सुरक्षा को लेकर शासन की ओर से प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए का बजट खपाया जा रहा है। क्योंकि, घड़ियाल विलुप्त प्रजातियों में आते हैं। ये विश्व में सिर्फ पांच स्थानों पर पाए जाते हैं। इसके बाद भी प्रशासन की लापरवाही घड़ियालों की जान पर भारी पड़ रही है।

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