ज्योतिषियों के अनुसार मां दुर्गा में सभी देवी देवताओं की शक्ति समाहित है और दुनिया की हर चीज की शक्ति के पीछे देवी की ही शक्ति है। यहां तक कि ग्रहों नक्षत्रों की शक्ति भी देवी से ही बनी रहती है। इसलिए देवी की कृपा से इन ग्रहों के दुष्प्रभावों को नियंत्रित किया जा सकता हैं…
शनि के कोप से बचने के लिए करें ये उपाय (Shani Shanti ke Upay)
प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय के अनुसार शनि की समस्याओं के निवारण के लिए मां के काली स्वरूप की उपासना करनी चाहिए। इसके लिए इस विधि से पूजा करें … 1. मां काली के समक्ष एक बड़ा सा दीपक जलाएं और मां को नीले फूल या लौंग अर्पित करें। साथ में एक लोहे का छल्ला भी चढ़ाएं। 2. इसके बाद, पहले मां काली के मंत्र “ॐ क्रीं कालिकायै नमः” का जाप करें और इसके बाद शनि के मंत्र “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” का जाप करें।
3. मां को अर्पित किए हुए लोहे के छल्ले को मध्यमा अंगुली में धारण करें। 4. जब तक ये छल्ला आपकी अंगुलियों में रहेगा, शनि आपको कष्ट नहीं देंगे। 5. ये प्रयोग नवरात्रि में किसी भी दिन कर सकते हैं। इसके अलावा शनिवार को मां काली को लौंग अर्पित करने से शनि शांत होते हैं।
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राहु की समस्याओं का निवारण उपाय (Rahu Upay)
1. राहु से पीड़ित व्यक्तियों को मां दुर्गा के सिंहवाहिनी स्वरूप की उपासना करनी चाहिए।
2. इसके लिए मां दुर्गा के सामने गोद में पानी वाला नारियल लेकर बैठें। 3. इसके बाद पहले “ॐ दुं दुर्गाय नमः” का जाप करें, फिर राहु के मन्त्र “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः” का जाप करें।
4. नारियल को ले जाकर बहते हुए जल में प्रवाहित करें। 5. ये प्रयोग नवरात्रि में किसी भी दिन कर सकते हैं। इसके अलावा हर बुधवार देवी को पान का पत्ता अर्पित करने से राहु की समस्याएं समाप्त होती हैं।
केतु के उपाय (Ketu Upay)
1. केतु की समस्याओं के निवारण के लिए महिषासुर मर्दिनी स्वरूप की उपासना करनी चाहिए। 2. इसके लिए मां को शहद और लाल फूल अर्पित करना चाहिए। 3. एक लाल चंदन की लकड़ी का टुकड़ा भी चढ़ाना चाहिए।
4. इसके बाद “ॐ कें केतवे नमः” का जाप करें। 5. शहद को प्रसाद की तरह ग्रहण करें और लाल चंदन के टुकड़े को अपने पास रख लें। 6. ये प्रयोग नवरात्रि में किसी भी दिन कर सकते हैं। इसके अलावा हर बृहस्पतिवार को देवी को लाल चंदन अर्पित करने से केतु की शांति होती है।
नव ग्रह के उपाय (Navgrah Shanti Ke Upay)
1. अगर नौ ग्रहों की समस्या है तो रोज देवी मां के सामने घी का दीपक जलाएं। 2. इसके बाद उन्हें लाल फूल और लौंग चढ़ाएं, फिर नीचे लिखे विशेष मंत्र का लाल चंदन की माला से 108 बार जाप करें।
मंत्र
शांतिकर्मणि सर्वत्र तथा दुःस्वप्नदर्शने।
ग्रहपीडासु चोग्रासु महात्म्यम शृणुयान्मम।। 3. इस श्लोक का नियमित जाप करने वाले को कभी भी ग्रह बाधा नहीं होती है.