पं. विष्णु राजौरिया का कहना है कि शनि जयंती का दिन शनिदेव की आराधना के लिए बेहद खास होता है। इस दिन शोभन योग और कृतिका नक्षत्र का संयोग भी रहेगा, जो विशेष शुभता प्रदान करेगा। इसी प्रकार चंद्रमा अपनी उच्च राशि में रहेगा, साथ ही शनि भी अपनी स्वराशि कुंभ में रहेंगे। इस लिहाज से शनिदेव की विशेष कृपा मिलेगी।
शनि पीड़ा से मिलती राहत
ब्रह्मशक्ति ज्योतिष संस्थान के पं. जगदीश शर्मा ने बताया कि ज्येष्ठ अमावस्या पर शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है। यह दिन शनिदेव की विशेष कृपा पाने के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन शनि आराधना करने से शनि महादशा, साढ़े साती और ढैया से राहत मिलती है।
नवग्रह मंदिर में विश्व कल्याण के लिए महायज्ञ
शनि जयंती पर शहर के शनि मंदिरों में विशेष अनुष्ठान किए जाएंगे। शहर के नेहरू नगर स्थित नवग्रह शनिदेव मंदिर प्रांगण में विराजमान 51 फीट के शनिदेव का सवा क्विंटल तेल से तेलाभिषेक किया जाएगा। इसके पहले यहां 108 कुंडीय शनि महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु महायज्ञ की आहुतियां समर्पित कर रहे हैं।
शनि पीड़ा से मुक्ति के लिए यह करें
1. शनिदेव का तेल से अभिषेक कर, उन्हें काला कपड़ा, काली उड़द, काली तिल, लोहा आदि अर्पित करे
2. शनि मंत्र का जाप करें, हनुमानजी की उपासना करें
3. लोहे के पात्र में तेल डालकर अपना चेहरा देखें और तेल दान करें
4. यथाशक्ति दान, पुण्य करें, इससे शनि पीड़ा से राहत मिलती है
ज्योतिष के अनुसार प्रत्येक नक्षत्र को व्यक्ति के जन्म के समय और चंद्रमा के स्थान के आधार पर चार पदों में बांटा जाता है। जिस पद में व्यक्ति का जन्म होता है, उसका गुण भी उसी अनुसार होता है।
कृतिका नक्षत्र पहला पद: इस पद में जन्म लेने वाले लोग बेहद पारिवारिक होते हैं और सामाजिक संबंधों को प्राथमिकता देते हैं। इनके सूर्य, मंगल, केतु और बृहस्पति ग्रह शक्तिशाली होते हैं। धनु नवांश के शासन में कृतिका नक्षत्र के जातकों को इच्छा शक्ति, सहनशक्ति और शक्ति मिलती है।
शनि जयंती पर पूजा का फलः शनि पूजा से इस पद में जन्मा जातक दीर्घायु होगा, शनि की कृपा से वह स्पष्ट बात करने वाला होगा, उसके पराक्रम में वृद्धि होगी।
शनि जयंती पर पूजा का फलः शनि जयंती पर पूजा करने से ऐसे जातकों की वाणी मधुर होगी, ऐसा व्यक्ति जीवन में नया कीर्तिमान स्थापित कर सकता है।
कृतिका नक्षत्र तीसरा पद: ऐसे लोग कुम्भ नवमांश के मूल निवासी हैं और शनि द्वारा शासित हैं। इस पद में जन्म लेने वाले जातक सामाजिक कार्यों को महत्व देते हैं और वंचितों की देखभाल करते हैं। ये स्वभाव से परोपकारी और दयालु होते हैं। लेकिन जल्दी गुस्सा हो जाते हैं। वे अमीर और असहिष्णु हैं।
शनि जयंती पूजा का फलः इस दिन शनि की पूजा से इस पद में जन्मा व्यक्ति बहादुर बनेगा, इसके प्रभाव से जातक गुस्से से बचेगा और चरित्रवान बनेगा।
कृतिका नक्षत्र चौथा पद: ये मीन नवमांश के मूल निवासी हैं और बृहस्पति द्वारा शासित हैं। इस पद में जन्म लेने वाले जातकों में दया होती है। ये गर्मजोशी से मिलते हैं, महान हृदय व्यक्तित्व के कारण लोग इनके मित्र बनना चाहते हैं। ये दिखाते हैं कि वे भौतिकवादी हैं, लेकिन गहरे में उनकी धार्मिक और आध्यात्मिक इच्छाएं होती हैं।
सभी चरणों में शनि पूजा का फल
कृतिका नक्षत्र में जन्मे जातक यदि शनि जयंती पर शनिदेव की पूजा करते हैं तो उनकी सुंदरता में वृद्धि होती है, धार्मिकता में वृद्धि होती है। उसमें संतोष का गुण बढ़ता है, लोगों के प्रति उसके स्वभाव में सुधार होगा, जिससे लोग उसे पसंद करने लगेंगे। सोच विचार कर निर्णय लेगा, रोग और पीड़ा दूर होने के साथ ही मानसिक तनाव में कमी आती है।
1. संजय दत्त: बॉलीवुड अभिनेता हैं। इनका शुरुआती जीवन दुख भरा रहा है। इनकी बायोपिक भी बनी है।
2. व्लादिमीर पुतिन: व्लादिमीर व्लादिमीरोविच पुतिन रूस के राष्ट्रपति हैं। इनका जन्म भी कृतिका नक्षत्र में हुआ था। 2022 में यूक्रेन पर हमला समेत कई कामों के लिए आज भी इनकी आलोचना की जाती है।
3. श्री देवी: श्री देवी हिंदी सिनेमा मशहूर अभिनेत्री थीं। उन्होंने 24 फरवरी 2018 को अपना शरीर छोड़ा था।
4. सुष्मिता सेन: सुष्मिता सेन 1994 में मिस यूनिवर्स खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला थीं। ये अपने अभिनय और सामाजिक कार्यों के लिए सराही जाती हैं।
5. बॉब डायलन: बॉब डायलन को अमेरिका में सबसे महान गायकों और गीतकारों में से एक के रूप में जाना जाता है। इन्हें साहित्य का नोबेल पुरस्कार भी मिल चुका है।
6. बिल क्लिंटन: विलियम जेफरसन क्लिंटन संयुक्त राज्य अमेरिका के 42 वें राष्ट्रपति थे, इनका जन्म भी कृतिका नक्षत्र में हुआ था।