इस राशि वालों की बढ़ेंगी मुश्किलें: शनि कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं और इसी राशि के जातकों के लिए ये सबसे ज्यादा मुश्किल समय रहने वाला है। 29 अप्रैल को शनि के राशि परिवर्तन के साथ ही कुंभ वालों पर शनि साढ़े साती का दूसरा चरण शुरू हो जाएगा। इस चरण को शिखर चरण भी कहते हैं। इस दौरान शनि साढ़े साती अपनी चरम सीमा पर होती है। इसलिए ये चरण सबसे ज्यादा कष्टदायी माना जाता है। अगर शनि साढ़े साती से पीड़ित व्यक्ति की कुंडली में शनि की स्थिति काफी कमजोर है तो इस दौरान व्यक्ति चारों तरफ से परेशानियों से घिर जाता है। उसे हर काम में असफलता का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन अगर शनि मजबूत स्थिति में हैं तो ये चरण शुभ फल प्रदान करने वाला भी साबित हो सकता है।
इन राशियों पर रहेगी शनि साढ़े साती: 29 अप्रैल को शनि कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। जिससे मीन राशि के जातक शनि साढ़े साती की चपेट में आ जायेंगे वहीं धनु वालों को इससे मुक्ति मिल जाएगी। इसके अलावा मकर वालों पर शनि साढ़े साती का आखिरी चरण शुरू हो जाएगा तो कुंभ वालों पर दूसरा।
शनि साढ़े साती के होते हैं तीन चरण: शनि साढ़े साती की दशा पूरे साढ़े सात साल की होती है। जिसमें ये तीन चरणों में विभाजित होती है। हर चरण की अवधि ढाई साल की होती है। इसके पहले चरण को उदय चरण कहा जाता है जबकि दूसरे चरण को शिखर चरण कहा जाता है। वहीं तीसरे चरण को अस्त चरण कहा जाता है। इन सभी में शनि साढ़े साती का दूसरा चरण सबसे ज्यादा कष्टदायी माना जाता है।