ज्योतिष के जानकारों के अनुसार इस माह यानि जून 2021 में 5 ग्रहों में खास बदलाव देखने को मिलेगा, जिनमें सूर्य, बुध, शुक्र, गुरु और मंगल शामिल हैं। ग्रहों के Rashi Parivartan का असर सभी राशियों पर पड़ेगा। जून 2021 में होने वाले ग्रहों के परिवर्तन इस प्रकार हैं…
1. कर्क राशि में मंगल…
देव सेनापति मंगल जून के ठीक दूसरे दिन यानि 2 जून 2021 को मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश करेंगे और करीब डेढ़ माह तक यानि 20 जुलाई 2021 तक इसी राशि में Mars विराजमान रहेंगे। चंद्रमा के स्वामित्व वाली कर्क राशि मंगल देव की नीच राशि मानी जाती है। जबकि मकर राशि में ये उच्च के माने जाते हैं।
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ऐसे में इस समय जहां मंगल कर्क को सबसे अधिक प्रभावित करेंगें वहीं इस परिवर्तन का विशेष प्रभाव वृषभ व वृश्चिक में देखने को मिलेगा।
2. वृषभ राशि में बुध…
मंगल के कर्क राशि में प्रवेश के ठीक अगले दिन यानि 3 जून 2021 को बुद्धि और वाणी के प्रतीक बुध अपने मित्र शुक्र के स्वामित्व वाली वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे। इसके बाद Budh ग्रह वृषभ राशि में 7 जुलाई 2021 तक स्थित रहेंगे। और फिर मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इसका सबसे अधिक प्रभाव वृषभ राशि व विशेष प्रभाव धनु पर पड़ता दिख रहा है।
वृषभ राशि में इस समय Rahu और सूर्य पहले से ही विराजमान हैं। ऐसे में इस राशि में बुध का भी प्रवेश होने से राहु के अशुभ प्रभाव में जहां कमी आने की संभावना है वहीं इसके परिणामस्वरूप जन्मकुंडली में राहु जनित दोष कुछ दिनों के लिए शांत हो सकते हैं।
बुध देव मिथुन और कन्या राशि के स्वामी हैं। ज्योतिष मे बुध को शुक्र का मित्र माना गया है ऐसे में बुध का अपने मित्र व दैत्यगुरु शुक्र की राशि में आना राहु के मदमस्त रहने की स्थिति को कुछ प्रभावित करता दिख रहा है।
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3. मिथुन राशि में सूर्य…
बुध के वृषभ राशि में गोचर के करीब 12 दिनों बाद ग्रहों के राजा सूर्यदेव एक बार फिर परिवर्तन करते हुए 15 जून 2021 को वृषभ राशि से मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएंगे। वे यहां 16 जुलाई 2021 तक इसी स्थित रहेंगे। जिसके बाद वे Moon के स्वामित्व वाली अपनी नीच की राशि कर्क में प्रवेश कर जाएंगे। सूर्य के इस परिवर्तन का सबसे अधिक प्रभाव कर्क पर और विशेष असर वृषभ राशि पर पड़ेगा।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार Suryadev राजा, नेतृत्वकर्ता, उच्च पद, सरकारी जॉब आदि का कारक माना जाता है। वहीं यह जातक के मान सम्मान व अपमान का भी कारक माना गया है।
4. कुंभ राशि में वक्री गुरु…
सूर्य के मिथुन राशि में प्रवेश के ठीक 5 दिन बाद यानि 20 जून, 2021 को विद्या के कारक गुरु यानि देवगुरु बृहस्पति वक्री गति करते हुए में कुंभ में गोचर करेंगे।
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इसके बाद यह 14 सितंबर, 2021 को मार्गी गति शुरु करते हुए पुन: मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे। गुरु के इस परिवर्तन का सर्वाधिक असर कुंभ राशि पर होगा वहीं इसका विशेष प्रभाव वृषभ व मिथुन राशि पर पड़ेगा।
मकर के समान ही कुंभ भी शनिदेव की राशि है। ऐसे में शनिदेव DevGuru Brahaspati का सम्मान तो करेंगे, लेकिन इस दौरान वे करेंगे अपने ही मन की। यानि कुछ अवस्थाओं में गुरु को भी वे अपमानित कर सकते हैं।
5. कर्क राशि में शुक्र…
देवगुरु बृहस्पति के कुंभ राशि में प्रवेश के ठीक दो दिन बाद यानि 22 जून 2021 को भाग्य के कारक व भौतिक सुखों को प्रदान करने वाले शुक्र ग्रह मिथुन राशि से कर्क राशि में गोचर करेंगे। वे यहां 17 जुलाई 2021 तक स्थित रहेंगे।
जिसके बाद ये सिंह राशि में प्रवेश कर जाएंगे। shukra / venus का यह परिवर्तन जहां सबसे ज्यादा कर्क राशि वालों को प्रभावित करेगा। वहीं इसका विशेष असर मीन राशि में देखने को मिलेगा।