दरअसल ये इन ग्रहों केे आपकी कुंडली मे बैठने की स्थिति पर निर्भर करता है, तभी तो जहां कई बार राहु किसी व्यक्ति को उन ऊंचाइयों तक पहुंचा देता है, जहां के बारे में उसने कभी सोचा तक नहीं था, वहीं कई बार व्यक्ति को सूर्य इतने नीचे गिरा देता है जहां से उठना लगभग नामुमकिन हो जाता है।
ऐसे में आज हम आपको इन दैत्य ग्रहों से जुड़े कुछ खास रहस्यों के बारे में बता रहे हैं। मान्यता है कि इनकी मदद से जहां दैत्य ग्रहों के बुरे प्रभावों को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। वहीं कई कुयोग भी इन उपायों से खत्म किए जा सकते हैं।
इस संबंध में ज्योतिष के जानकार पंडित एसी शुक्ला के अनुसार ज्योतिष के जहां कई जानकार जहां ये मानते हैं कि कालसर्प दोष होने की वजह से व्यक्ति की कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है, वहीं कुछ जानकार इसे योग मानते हैं न कि दोष… शास्त्रों के अनुसार पितृदोष या प्रारब्ध के कारण ही कालसर्प योग बनाता है।
वहीं ज्योतिष के कुछ जानकारों का ये भी मानना है कि कालसर्प जहां कई मामलों में दोष उत्पन्न करता है तो वहीं ये कुछ ऐसी चीजें भी बनाता है जो इसे दोष की जगह योग में तब्दील कर देती है।
दरअसल कालसर्प योग के व्यक्ति कभी संतुष्ट नहीं हो पाते, और वे लगातार और आगे बढ़ने की कोशिश में लगे रहते हैं। जिसे इसकी खास ताकत माना जाता है। क्योंकि माना जाता है कि यदि मनुष्य संतुष्ट होकर कहीं बैठ जाए तो फिर वह आगे नहीं बढ़ पाता।
अधिकांश स्थितियों में माना जाता है कि राहु और केतु (Rahu Ketu Remedies) व्यक्ति के जीवन में नकारात्मक यानि बुरा प्रभाव डालते हैं, एक ओर जहां व्यक्ति के स्वप्न का कारक राहु माना जाता है, वहीं काला जादू, तंत्र, टोना, आदि भी राहु ग्रह के प्रभाव के कारण माने जाते हैं। इसके अतिरिक्त कई बार व्यक्ति के जीवन में कुछ अचानक घटने वाली घटनाओं के पीछे भी राहु ही कारक माना गया है।
राहु की तरह ही केतु भी व्यक्ति की कुंडली में गलत जगह पर हो तो नकारात्मक परिणाम देता है, केतु को संसार में कुत्ते और चूहे को तौर पर बताया गया है। जैसे कुत्ता घर की रखवाली करता है और चूहा घर को खोखला करता है। चूहे से संबंध रिश्तेदारों से होता है यदि घर में रिश्तेदारों की संख्या ज्यादा है जो घर खोखला कर रहे हों तो इसे केतु का नकारात्मक प्रभाव माना जाता है।
केतु के अशुभ स्थान पर होने पर व्यक्ति की नींद खराब हो जाती है, धन का खर्च बढ़ जाता है। घर में कलह होती है, व्यक्ति को पेशाब की बीमारी, जोड़ों का दर्द, सन्तान उत्पति में रुकावट होने लगती है। बच्चों से संबंधित परेशानी, बुरी हवा या अचानक धोखा होने का खतरा भी केतु के अशुम होने के कारण बना रहता है।
वहीं यदि राहु की तरह केतु भी सही स्थान पर बैठा हो तो व्यक्ति को सकारात्मक परिणाम भी देता है। केतु यदि शुभ फल देता है तो व्यक्ति को पद- प्रतिष्ठा प्राप्त होती है,व्यक्ति का रुतबा कायम रहता है, संतान सुख की प्राप्ति होती है। केतु मकान, दुकान या वाहन पर ध्वज के समान है।
एक खास बात ये भी है कि माना जाता है कि जब राहु खराब होता है तो केतु आपकी मदद करता है, वहीं जब राहु जब अच्छा होता है तो केतु इसके विपरीत आपके लिए अशुभ करता है। इसके अलावा केतु जिस स्थान पर भी बैठता है उसे असंख्य गुना बढ़ा देता है।
माना जाता है कि सामान्यत: राहु और केतु ज्यादातर व्यक्ति को अशुभ परिणाम ही देते हैं। यदि आपकी कुंडली में राहु खराब है और आपको शुभ परिणाम नहीं दे रहा है तो कुछ आसान उपायों को कर के राहु के दोषों से मुक्त हो सकते हैं।
: राहु ससुराल पक्ष का कारक होता है, इसलिए राहु को खराब होने से बचाने के लिए अपने ससुराल से हमेशा अच्छे संबंध रखें। माथे पर तिलक लगाएं, मां सरस्वती की आराधना करें, संभव हो तो घर में चांदी का ठोस हाथी रखें व इसकी पूजा करें, खाना हमेशा भोजन कक्ष में ही खाएं।
माना जाता है कि इन सरल उपायों को कर के आप राहु के बुरे परिणामों से कुछ हद तक निजात पा सकते हैं।
वहीं केतु के बुरे प्रभाव से बचने के लिए भी आप कुछ सरल उपाय कर सकते हैं। केतु का संबंध संतानों से होता है इसलिए केतु की स्थिति सुधारने के लिए अपनी संतानों से अच्छा संबंध रखें।
– भगवान गणेश की आराधना करें। दो रंग के कुत्ते को रोटी खिलाएं, अपने कान में बाली पहने, माना जाता है कि इन सरल उपायों को करके केतु के बुरे परिणामों को कम किया जा सकता है।
राहु और केतु मिलकर कालसर्प दोष का निर्माण करते हैं यदि आप कालसर्प दोष का निवारण करना चाहते हैं तो कुछ सरल उपायों को कर के इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। कालसर्प दोष को दूर करने के लिए श्राद्धपक्ष में अपने पितरों की तृप्ति के लिए काम करें। त्रयंबकेश्वर में कालसर्प दोष की पूजा की जाती है संभव हो तो वहां जाकर एक बार इसकी पूजा करा लें।
इसके अलावा महामृत्युंजय मंत्र, गायत्री मंत्र, राहु बीज मंत्र या ओम नम: शिवाय का जाप करते रहने से भी इस दोष का निदान होता है। माना जाता है कि माथे पर चंदन का तिलक लगाने से भी कालसर्प दोष कटता है, घर में थोड़े अनाज को किसी भारी वस्तु से दबाकर रखने, 11 नारियल बहते पानी में विसर्जित करने से भी कालसर्प दोष में कमी आती है। इसके अलावा काले-सफेद कुत्ते, गाय और कौवों को रोटी खिलाने. बुजुर्गों के पैर छुने, बुरी आदतों से दूर रहने, पीपल के पेड़ में जल चढ़ाने और घर में पूजा पाठ करने से भी व्यक्ति को कालसर्प दोष से राहत मिलती है।