नाग पंचमी की कथा 2
एक अन्य कथा के अनुसार समुद्र मंथन के समय वासुकी नाग को रस्सी बनाया गया था। जहां देवताओं ने वासुकी नाग की पूंछ पकड़ी थी, वहीं दानवों ने उनका मुंह पकड़ा था। मंथन में पहले विष निकला जिसे भगवान शिव ने कंठ में धारण किया और समस्त लोकों की रक्षा की। इसके बाद निकले अमृत को देवताओं को दिया गया। यह घटना सावन शुक्ल पंचमी तिथि को हुई थी, इसमें नागों के योगदान को याद करने के लिए नाग पंचमी पर्व के रूप में मनाया जाने लगा।
नागपंचमी की कथा 3
एक अन्य कथा के अनुसार श्रावण शुक्ल पक्ष पंचमी को ही भगवान श्री कृष्ण ने वृंदावन के लोगों की जान कालिया नाग से बचाई थी। भगवान ने सांप के फन पर नृत्य भी किया था। जिसके बाद वो नथैया कहलाए थे। तब से ही नागों की पूजा की परंपरा चली आ रही है। ये भी पढ़ेंः Nag Panchami 2023: इन उपायों से काल सर्प दोष होगा दूर, मिलेगी सुख समृद्धि, जान लें नाग पंचमी की तिथि, मुहूर्त और परंपरा
नागपंचमी की कथा 4
एक कथा के अनुसार एक राजा के सात बेटे थे, सभी के विवाह हो चुके थे। लेकिन सबसे छोटे बेटे को कोई संतान नहीं हुई थी, इससे छोटी बहू को उनकी जिठानियां ताने मारती थीं। इससे वह अक्सर रोनी लगती, पति समझाता तो भी बहू का दुख कम नहीं होता था। इसी तरह समय बीतता रहा, एक बार नागपंचमी से पहले उसे स्वप्न आया, सपने में उसे पांच नाग दिखाई दिए उसमें से एक ने उससे कहा, अरी पुत्री कल नागपंचमी है, कल अगर तू हमारा पूजन करे तो तुझे पुत्र रत्न की प्राप्ति हो सकती है।
यह सुनकर वह जाग गई और पति को सारी बात बताई। इस पर पति ने कहा कि इसमें कौन सी बड़ी बात है। पांच नाग दिखाई दिए हैं तो पांचों की आकृति बनाकर पूजन कर देना। नाग लोग ठंडा भोजन करते हैं, इसलिए कच्चे दूध से उन्हें प्रसन्न करना। छोटी बहू ने वैसा ही किया और नौ महीने बाद उसे पुत्र की प्राप्ति हुई।
नागपंचमी कथा 5
एक किसान के परिवार में दो बेटे और एक बेटी थी। एक दिन खेत जोतते समय हल से नाग के तीन बच्चे मर गए, पहले तो नागिन खूब रोई। बाद में बदला लेने का संकल्प किया और रात में किसान, उसकी पत्नी और दोनों बेटों को डस लिया। अगले दिन वह किसान की बेटी को डसने चली तो उसने उसके सामने दूध रख दिया और हाथ जोड़कर क्षमा मांगने लगी। इससे प्रसन्न होकर नागिन ने किसान परिवार के सभी सदस्यों को जीवित कर दिया। इस दिन सावन शुक्ल पंचमी तिथि थी, तब से नागों के कोप से बचने के लिए नागपंचमी पर नागों की पूजा की जाती है।
नाग पंचमी के दिन इनका करें स्मरण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार नाग पंचमी के दिन अनंत, वासुकी, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट, शंख, कालिया और पिंगल आदि नागों का ध्यान किया जाता है और इस दिन घर के दरवाजे पर सांप की 8 आकृतियां बनाई जाती है और हल्दी, रोली, अक्षत और पुष्प चढ़ाकर सर्प देवता की पूजा की जाती है। इस दिन कच्चे दूध में घी और शक्कर मिलाकर नाग देव का स्मरण कर उन्हें अर्पित करना चाहिए।