Masik Krishna janmashtami 2023: इस दिन है मासिक कृष्ण जन्माष्टमी, जान लीजिए पूजा विधि
भगवान श्रीकृष्ण का अवतार कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था, इसीलिए हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भक्त मासिक कृष्ण जन्माष्टमी (Masik Krishna janmashtami 2023) मनाते हैं और इस दिन व्रत रखकर भगवान की पूजा अर्चना करते हैं, जो शख्स पहली बार व्रत रखना चाह रहे हैं, उनको कृष्ण जन्माष्टमी पूजा अर्चना की आसान विधि जान लेनी चाहिए।
मासिक जन्माष्टमी का महत्वः मान्यता है कि मासिक कृष्ण जन्माष्टमी व्रत से पापों का नाश होता है, सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन बाल गोपाल की पूजा करने से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। इस व्रत से श्रद्धालुओं को मोक्ष की भी प्राप्ति होती है।
मासिक कृष्ण जन्माष्टमीः फाल्गुन कृष्ण अष्टमी तिथि की शुरुआत 13 फरवरी सुबह 9.45 बजे से हो रही है और यह तिथि 14 फरवरी सुबह 9.04 बजे संपन्न होगी। मासिक जन्माष्टमी 13 फरवरी सोमवार को मनाई जाएगी। इसी दिन कुंभ संक्रांति भी हो रही है।
इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के साथ उनको जन्म देने वाले माता पिता वसुदेव और देवकी, उनको पालने वाले माता पिता नंद बाबा और माता यशोदा, भगवान श्रीकृष्ण के भाई बलराम, उनकी बहन सुभद्रा की पूजा की जाती है।
1. सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर दैनिक क्रिया से निवृत्त होकर घर मंदिर की सफाई, स्नान ध्यान के बाद व्रत का संकल्प लें। 2. भगवान की प्रतिमा के सामने धूप बत्ती और दीया जलाएं। 3. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करें। 4. लड्डू गोपाल को माखन, मिश्री और मेवा का भोग लगाएं। 5. आरती कर प्रसाद वितरित करें।
जन्माष्टमी मनाने की वजहः बता दें भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में कंस के कारागार में भगवान श्रीकृष्ण ने देवकी के गर्भ से अवतार लिया था। मान्यता है कि इसके बाद बंदीगृह के ताले खुल गए और रक्षक सो गए। इसके बाद वसुदेव कृष्ण को लेकर उफनती यमुना को पार करते हुए नंद गांव पहुंचे और नंद बाबा यशोदा को सौंप दिया।
बाद में कृष्ण ने कंस का वध कर लोगों को उसके अत्याचारों से मुक्त किया। कृष्ण जन्म अष्टमी तिथि को हुआ था, इसलिए भक्त भाद्रपद माह की इस तिथि पर जन्माष्टमी और दूसरे महीनों की इस तिथि को मासिक जन्माष्टमी मनाते हैं।