ज्योतिष के जानकारों के अनुसार अब साल में एक बार आने वाले खरीदी के महामुहूर्त को तीन दिन ही बचे रह गए हैं। इस दौरान आपके लिए 24 घंटे से ज्यादा समय शुभकारक रहेगा। यह महामुहूर्त 28 अक्टूबर को गुरु पुष्य नक्षत्र के रूप में आ रहा है।
महालक्ष्मी का दिन
ज्योतिष के कई जानकारों के अनुसार धनतेरस के शुभ अवसर पर खरीदारी का जितना महत्व होता है, उससे कहीं अधिक फलदायी इस बार के गुरु पुष्य नक्षत्र का विशेष संयोग है।
इस दिन 28 अक्टूबर को कालाष्टमी तिथि व गुरुवार का दिन है, जो गुरु पुष्य नक्षत्र बना रहा है। इस शुभ मुहूर्त में अमृत का योग, सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग का संयोग भी रहेगा ।
27 नक्षत्रों का राजा गुरु पुष्य नक्षत्र
दरअसल सभी 27 नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र को राजा माना गया है। वहीं पुष्य नक्षत्र का गुरु व रवि में महत्व काफी बढ़ जाता है। जिसके चलते यह संयोग लंबे समय के लिए नहीं मिलता है।
ऐसे में इस बार दीपावली पर्व (धनतेरस से) शुरु होने से 5 दिन पहले यानि 28 अक्टूबर को 09:42 AM से पुष्य नक्षत्र लग जाएगा, जो गुरु पुष्य का योग बन रहा है। और यह 29 अक्टूबर को सुबह 6:25 बजे तक रहेगा।
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इस बार महानक्षत्र पुष्य 25 घंटे स्वर्ण आभूषण, भूमि-भवन के साथ चल-अचल संपत्ति की खरीदारी के लिए रहेगा। इस दौरान कार्य सिद्धि कराने वाला सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग, राज योग भी गुरु-पुष्य में अतिउत्तम संयोग बनता दिख रहा है।
शनि-गुरु युति से निर्मित गुरु पुष्य नक्षत्र के दौरान घर, जमीन, सोने-चांदी के गहने या सिक्के, टू व्हीलर या फोर व्हीलर, लकड़ी या लोहे का फर्नीचर, कृषि से जुड़ा सामान, वाटर प्यूरिफायर, बीमा पालिसी, म्यूचल फंड या शेयर मार्केट में निवेश करने से लाभ की प्राप्ति संभव है।
सिद्धि योग 6.38 AM से 9.41 AM तक।
शुभ का चौघडिय़ा 6.38 AM से 8.01 AM तक।
शुभ का चौघडिय़ा 4.20 PM से 5.44 PM तक।