इससे साथ चल रहे भगीरथ और देवता चिंतित हो गए, धरती पर गंगा अवतरण के उद्देश्य में बाधा आ गई। फिर सभी ने ऋषि जाहनु से क्षमा याचना की और उनको मुक्त करने का निवेदन किया। इससे ऋषि जाहनु ने अपने कान से गंगाजी को मुक्त किया। इसके बाद माता गंगा जाह्नवी कहलाईं, यह घटना जिस दिन घटी उस दिन वैशाख शुक्ल सप्तमी तिथि थी। इसी वजह से इस दिन को गंगा सप्तमी के नाम से भी जाना जाने लगा। इस दिन को गंगाजी के पुनर्जन्म का दिन भी मानते हैं। इसीलिए इस दिन पापनाशिनी गंगा की पूजा-अर्चना की जाती है। इस साल गंगा सप्तमी 27 अप्रैल गुरुवार को है। मान्यता है इस दिन आसान गंगाजल उपाय से मनुष्य अपनी कई समस्याओं से छुटकारा पा सकता है।
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आइये जानते हैं गंगाजल के उपाय (Gangajal Ke Upay)
1. यदि आपके घर में नकारात्मकता बढ़ गई है और घर में लड़ाई झगड़ा हो रहा है तो इस दिन गंगा मैया की पूजा कर गंगाजल को पूरे घर में छिड़कें। इससे घर की नकारात्मकता दूर हो जाएगी, और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। इससे घर में शांति आएगी और सुख समृद्धि आएगी। इस बात को गो. तुलसीदास ने भी कहा है जहां सुमति तहां संपत्ति नाना, जहां कुमति तहां विपत्ति निधाना। (इसका अर्थ है जहां प्रेम और सद्भाव होता है वहां सारी सुख संपत्ति होती है और जहां वैमनस्य होता है वहां हर तरह के दुख रहते हैं, घर के लोग दुखी और गरीब हो जाते हैं)।
2. कड़ी मेहनत के बाद भी सफलता दूर ही रह रही है तो इसकी वजह वास्तुदोष भी हो सकता है। इसको दूर करने के लिए गंगा सप्तमी के दिन एक पीतल की बोतल या लोटे में गंगाजल भरकर उत्तर पूर्व दिशा में रख दें, इससे घर में सकारात्मकता बढ़ने लगती है और तरक्की के रास्ते खुलेंगे।
3. कई बार कुंडली में ग्रह दोष होता व्यक्ति परेशान रहता है, ऐसे व्यक्ति को अपनी समस्याओं से छुटकारा के लिए गंगा सप्तमी के दिन गंगा मैया की पूजा करनी चाहिए और गंगा सप्तमी से शुरू कर हर सोमवार को भगवान शिव का गंगाजल अभिषेक करना चाहिए। इसके अलावा शनिवार को पानी में गंगाजल मिलाकर पीपल की जड़ में अर्पित करना चाहिए। इससे ग्रह दोष संबंधित समस्याएं दूर हो जाएंगी और आपको कष्टों से छुटकारा मिल जाएगा।
4. यदि रात में सोते समय आपको बुरे सपने आते हैं और डर के कारण आपकी नींद खुल जाती है तो सोने से पहले बिस्तर पर गंगाजल छिड़क दें। इससे आपको बुरे स्वप्न से छुटकारा मिल जाएगा और आपको अच्छी नींद आएगी।