scriptGanesh Chaturthi 2023: गणेश चतुर्थी पर कैसी मूर्ति की करें स्थापना, जानिए विघ्नहर्ता से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य | Ganesh Chaturthi 2023 What kind of idol should be installed and vastu tips for ganpati murti sthapana in home keep these things in mind also know important facts related to Vighnaharta | Patrika News
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Ganesh Chaturthi 2023: गणेश चतुर्थी पर कैसी मूर्ति की करें स्थापना, जानिए विघ्नहर्ता से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य

Ganesh Chaturthi 2023 कल 19 सितंबर 2023 भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी यानी भगवान गणेश का जन्मदिवस है। मान्यता है कि इसी दिन माता पार्वती ने विनायक की रचना की थी। इसी के साथ देश भर में दस दिवसीय गणेश उत्सव की शुरुआत हो जाएगी। कई लोग घरों में गणपति की पूजा करेंगे और तमाम लोग पंडालों में गणपति को विराजमान कर पूजा करेंगे और अनंत चतुर्दशी को विसर्जन के साथ उत्सव संपन्न होगा। लेकिन गणपति की प्रतिमा खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखना जरूरी है।

Sep 18, 2023 / 05:07 pm

Pravin Pandey

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गणेशजी की मूर्ति स्थापना के टिप्स

गणेश पूजा के लिए कैसी होनी चाहिए मूर्ति

वाराणसी के पुरोहित पं. शिवम तिवारी के अनुसार गणपति की पूजा से सभी संकट दूर हो जाते हैं। लेकिन घर में भगवान गणेश की पूजा के लिए वास्तु का भी ध्यान रखें तो शुभता और बढ़ जाती है। साथ ही गणेशजी की जिस तरह की प्रतिमा की भक्त पूजा करते हैं, उसी तरह का फल भी उन्हें गणपति देते हैं।

कैसा हो मूर्ति का रंग
पं. शिवम तिवारी के अनुसार शिव पुराण में वर्णन है कि गणेशजी का रंग लाल और हरा है। इसमें लाल रंग शक्ति और हरा रंग समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसका अर्थ होता है कि जहां गणेशजी की प्रतिमा की पूजा होगी, वहां शक्ति और समृद्धि दोनों का वास होगा। हालांकि आत्म विकास और सर्व मंगल की कामना करने वालों को सिंदूरी रंग की प्रतिमा की स्थापना करनी चाहिए। वहीं धन समृद्धि की चाह वाले लोग पीले और हरे रंग का प्रयोग कर बनाई मूर्ति की स्थापना करनी चाहिए। वहीं ऐसे भक्त जो शांति और समृद्धि की चाहत रखते हैं, उन्हें सफेद रंग की मूर्ति की स्थापना करनी चाहिए।

सूड़ से जानें गणपति का स्वभाव
पं. तिवारी के अनुसार घर में गणेश स्थापना करने के लिए भक्त को ऐसी मूर्ति घर बाजे गाजे के साथ लानी चाहिए, जिसकी सूड़ बाईं ओर मुड़ी हो। क्योंकि ऐसे गणपति जिनकी सूड़ दायीं ओर घूमी रहती है, वे हठी माने जाते हैं और उनकी पूजा कर उन्हें प्रसन्न करना काफी कठिन काम होता है और प्रायः ऐसी मूर्ति की स्थापना मंदिरों में की जाती है।
गणेशजी को मोदक प्रिय है और उनका वाहन चूहा है इसलिए मूर्ति में मोदक या लड्डू और चूहा जरूर बना होना चाहिए। साथ ही मूर्ति बैठी हुई मुद्रा में यानी ललितासन में हो। लेटी हुई मुद्रा भी अच्छी मानी जाती है। इसके अलावा गणेशजी की चार भुजाएं हों, पहले हाथ में अंकुश, दूसरे हाथ में पाश, तीसरी भुजा में मोदक और चौथी भुजा आशीर्वाद देने की मुद्रा में हो। मान्यता है कि इससे घर में सुख समृद्धि आती है। यदि आप पंचमुखी गणेश की स्थापना करना चाह रहे हैं तो किसी जानकार पुरोहित से सलाह जरूर लें।
मूर्ति का आकार क्या हो
धर्म ग्रंथों में गणपति स्थापना के लिए मूर्ति का आकार भी बताया गया है। इसके अनुसार पूजा घर में देवी देवताओं की रखी जाने वाली प्रतिमा तीन इंच से अधिक ऊंची (अंगूठे की लंबाई के बराबर) नहीं होनी चाहिए। बड़ी मूर्तियों की देख रेख में कई नियमों का पालन करना होता है और इसमें गलती हो सकती है जो अशुभ होता है। हालांकि गणेशजी की प्रतिमा 1 फिट तक ऊंची हो सकती है।
घर में कितनी मूर्तियां रख सकते हैं
धर्म ग्रंथों के अनुसार घर में दो शिवलिंग, तीन गणेश, दो शंख, दो सूर्य, तीन दुर्गा मूर्ति, दो गोमती चक्र, दो शालिग्राम नहीं रखना चाहिए। इससे गृहस्थ को अशांति का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा घर में गणेशजी की मूर्ति रखने की दिशा पश्चिम, उत्तर और उत्तर पूर्व हो सकती है और कोशिश रहे की प्रतिमा का मुख उत्तर दिशा में रहे।

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