scriptChaitra Navratri 2023: इस दिन होगा नवरात्रि में कन्या पूजन, जानिए आयु के अनुसार अर्थ | Chaitra Navratri 2023: kanya puja in Navratri on mahashtami meaning | Patrika News
धर्म और अध्यात्म

Chaitra Navratri 2023: इस दिन होगा नवरात्रि में कन्या पूजन, जानिए आयु के अनुसार अर्थ

इन दिनों नव दुर्गा पूजा उत्सव (Nav Durga Puja Utsav) चल रहा है। इस पूजा के दौरान नवरात्रि में महाष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजा का विधान है। मान्यता है कि माता दुर्गा नवरात्रि में कन्या पूजा (Kanya Puja Navratri) से अति प्रसन्न होती हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा होगा कि किस आयु तक की कन्या की नवरात्रि में पूजा की जाती है तो आइये चैत्र नवरात्रि 2023 (chaitra navratri 2023) में बताते हैं विभिन्न आयु की कन्याओं की पूजा का अर्थ और महत्व..

Mar 24, 2023 / 10:14 pm

Pravin Pandey

kanyapujan11_1.jpg

kanya pujan navratri

नवरात्रि में कन्या पूजन का महत्वः नवरात्रि में दो से दस साल की कन्याओं की पूजा की जाती है। मान्यता है कि माता दुर्गा जितना जप-तप से प्रसन्न नहीं होती, उससे अधिक नवरात्रि में कन्याओं की पूजा से प्रसन्न होती हैं। इसलिए नवरात्रि में महाष्टमी को महागौरी की पूजा का विधान है, बहुत सारे लोग नवमी को भी कन्या की पूजा करते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार नवरात्रि में कन्या पूजन के महत्व को देखते हुए दोनों दिन भी श्रद्धालु कन्या की पूजा कर सकते हैं।

कन्या पूजन के दिन नौ कन्याओं की पूजा के साथ एक बटुक (लांगुरिया) की भी पूजा करनी चाहिए। इससे माता भगवती प्रसन्न होती हैं और धन सुख समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। धर्म ग्रंथों में आयु के अनुसार कन्यापूजन का महत्व बताया गया है।
आयु के अनुसार बताया गया है कन्या पूजन का महत्व


1. दो वर्ष की कन्या यानी कुमारी की पूजा से दुख, दारिद्र और समस्याओं का होता है अंत
2. तीन वर्ष की कन्या यानी त्रिमूर्ति की पूजा से घर परिवार में आती है शांति और चारों पुरुषार्थों की होती है प्राप्ति
3. चार वर्ष की कन्या यानी कल्याणी की पूजा से बुद्धि विद्या और राजसुख की होती है प्राप्ति
4. पांच वर्ष की कन्या यानी रोहिणी की पूजा से रोगों से मिलती है मुक्ति और प्राप्त होती है सुख समृद्धि
5. छह वर्ष की कन्या यानी कालिका की पूजा से मिलती है अपार शक्ति, शत्रुओं पर मिलती है विजय

6. सात वर्ष की कन्या यानी चंडिका की पूजा से होती है धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति
7. आठ वर्ष की कन्या यानी शांभवी की पूजा से सुलझते हैं कोर्ट कचहरी के विवाद, आपसी विवाद भी होते हैं खत्म
8. नौ वर्ष की कन्या यानी दुर्गा की पूजा से कष्ट, दोष से मिलती है मुक्ति
9. दस वर्ष की कन्या यानी सुभद्रा की पूजा से सफल होते हैं बिगड़े काम
चैत्र शुक्ल अष्टमी की तिथि 28 मार्च शाम 7.02 बजे से शुरू हो रही है, यह तिथि 29 मार्च रात 9.07 बजे संपन्न हो रही है। उदयातिथि में महाष्टमी का व्रत 29 मार्च को रखा जाएगा। इसलिए 29 मार्च को ही कन्या पूजन होगा। महाष्टमी तिथि पर दो शुभ योग शोभन और रवि योग भी बन रहे हैं। इससे इस दिन कन्या पूजा फलदायी होगी। इसके अलावा काफी लोग नवमी को भी कन्या पूजन करेंगे।
वहीं चैत्र शुक्ल नवमी की तिथि 29 मार्च रात 9.07 से शुरू होगी और 30 मार्च रात 11.07 पर संपन्न होगी। उदयातिथि में नवमी 30 मार्च को मानी जाएगी। इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं।
गुरु पुष्य योग 30 मार्च 10.59 से 31 मार्च सुबह 6.13 बजे तक
अमृत सिद्ध योग 30 मार्च 10.59 से 31 मार्च सुबह 6.13
सर्वार्थ सिद्धि योग-पूरे दिन
रवि योग- पूरे दिन

नवरात्रि में कन्या पूजन विधिः प्रयागराज के आचार्य प्रदीप पाण्डेय का कहना है कि नवरात्रि में कन्या पूजन के लिए यह विधि अपनानी चाहिए।
1. अष्टमी के दिन सबसे पहले सूर्योदय से पहले उठें और स्नान ध्यान कर भगवान गणेश और माता जगदंबा के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा करें।
2. कन्या पूजा के लिए दो साल से दस साल की लड़कियों को आमंत्रित करें।
3. सभी कन्याओं के पैर धोएं, रोली, कुमकुम, टीका, अक्षत लगाकर उन्हें मौली बांधें और उनका स्वागत करें।
4. अब कन्याओं और बालक की आरती उतारें और यथाशक्ति उनको द्रव्य अर्पित कर प्रसन्न करें।
5. सभी को पूड़ी, चना और हलवा खाने के लिए दें।
6. यथा शक्ति भेंट वगैरह दें।
7. मां की स्तुति करते हुए गलती के लिए क्षमा मांगें, कन्याओं और बालक का पैर छुएं, उनका आशीर्वाद लें।

Hindi News / Astrology and Spirituality / Religion and Spirituality / Chaitra Navratri 2023: इस दिन होगा नवरात्रि में कन्या पूजन, जानिए आयु के अनुसार अर्थ

ट्रेंडिंग वीडियो