– एक नवविवाहित युवती के लिए शादी के बाद हर पहला पर्व या त्योहार बहुत खास होता है। इसीलिए नवविवाहिताओं को बैसाखी के दिन मेहंदी जरूर लगानी चाहिए। दरअसल मेहंदी सुहाग का प्रतीक माना जाती है।
– नवविवाहिताओं को इस दिन अनाज का दान करना चाहिए। माना जाता है कि इस खास पर्व पर नवविवाहिता के हाथों से गेहूं का दान करने से हमेशा धन और अन्न के भंडार भरे रहते हैं।
– शादी के बाद पहली बैसाखी पर महिलाओं को चने की दाल से बने सत्तू दान भी जरूर करना चाहिए। दान के साथ ही इसका सेवन भी जरूर करना चाहिए।
– दरअसल ज्योतिष में सत्तू का संबंध सूर्य, मंगल और गुरु से माना गया है। इसीलिए माना जाता है कि सत्तू का दान करने और इसे खाने से इन ग्रहों की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इन ग्रहों में गुरु ग्रह को वैवाहिक जीवन का कारक ग्रह माना जाता है।
– बैसाखी के दिन आटे का दीपक बनाए और उसे घी से जलाएं। अब उसमें कुछ गेहूं के दाने डालें। इसे अपने घर के ईशान कोण में जलाना चाहिए। ऐसा करने से घर में मां लक्ष्मी स्थायी रूप से निवास करेंगी।
– बैसाखी के दिन पति-पत्नी गुरुद्वारे जाएं और वहां दीप प्रज्वलित करें। इसके बाद सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करेें। माना जाता है कि ऐसा करने से नव विवाहित जोड़े को सौभाग्य में वृद्धि का वरदान मिलता है।
– बैसाखी के दिन नवविवाहिता सुबह स्नान के बाद पीले मीठे चावल बनाए और उसका भोग भगवान को लगाए। माना जाता है कि ऐसा करने से सुसराल में आपसी रिश्तों में मिठास बनी रहती है। वहीं परिवार के साथ सामंजस्य बनाए रखने में सफलता मिलती है।