इस महीने श्री जगन्नाथ यात्रा निकाली जाती है। इसी महीने गुप्त नवरात्रि भी मनाई जाती है, जिसमें तंत्र और शक्ति की उपासना होती है। वहीं श्रीविष्णु शयन के लिए चले जाते हैं और मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं।
यह महीना तीर्थ यात्रा के लिए शुभ होता है। साथ ही इस महीने दान और ध्यान का महत्व है। नमक, तांबा, कांसा, मिट्टी का पात्र, गेहूं, गुड़, चावल, तिल दान करना शुभ माना जाता है। आषाढ़ महीने में भगवान विष्णु की पूजा से विशेष पुण्यफल प्राप्त होता है। पहले दिन ब्राह्मण को खड़ाऊं, नमक, छाता और आंवला आदि दान करने की परंपरा है।
चातुर्मास की शुरुआत
आषाढ़ माह से ही 4 महीने के चातुर्मास की शुरुआत होती है, जो आषाढ़ शुक्ल एकादशी से प्रारंभ होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक चलता है। इस अवधि में संत समाज यात्रा बंद कर देता है और एक ही स्थान पर रहकर व्रत, ध्यान और तप करता है।
कामनापूर्ति माह
आषाढ़ कामनापूर्ति माह माना जाता है। मान्यता है कि इस महीने जो भी कामना की जाती है, उसकी पूर्ति हो जाती है। इसी माह में अधिकांश यज्ञ करने का प्रावधान धर्म ग्रंथों में वर्णित है।