रतलाम

लोक सूचना अधिकारी और आयुक्त के खिलाफ उच्च न्यायालय में रिट, 24 फरवरी को होगी पेशी

सूचना के अधिकार कानून का मखोल उड़ाना रतलाम नगर निगम के लोक सूचना अधिकारी और आयुक्त को भारी पड़ गया है। इस मामले में शिकायत के बाद मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने रिट दर्ज कर ली है।

रतलामJan 12, 2020 / 03:50 pm

Ashish Pathak

highcourt

रतलाम। सूचना के अधिकार कानून का मखोल उड़ाना रतलाम नगर निगम के लोक सूचना अधिकारी और आयुक्त को भारी पड़ गया है। इस मामले में शिकायत के बाद मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने रिट दर्ज कर ली है। न्यायमूर्ति वंदना कसरेकर ने संबंधित अधिकारी के खिलाफ रिट दर्ज कर उन्हें नोटिस जारी करने के आदेश दिए हंै। साथ ही मामले में 24 फ रवरी को उनकी पेशी की तारीख भी तय कर दी गई है।
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यह रिट याचिकाकर्ता अभिभाषक कपिल मजावदिया की शिकायत पर दर्ज की गई है। जिन्होंने नगर निगम से रतलाम में चल रहे सीवरेज प्रोजेक्ट के तहत जमीन खोदकर बिछाई जा रही पाइप लाइन और सीवरेज प्लांट से जुड़ी योजना से संबंधित जानकारी विधिवत आवेदन देकर मांगी थी। मजावदिया ने बताया कि उन्होंने सूचना के अधिकार कानून के तहत 20 सितंबर 2017 को आवेदन प्रस्तुत कर 40 बिंदुओं की जानकारी मांगी थी। नगर निगम के लोक सूचना अधिकारी ने 30 दिन की समय सीमा में इस पर कोई कार्यवाही नहीं की, तो प्रथम अपीलीय अधिकारी के रूप में निगम आयुक्त के समक्ष 17 नवंबर 2017 को पहली अपील प्रस्तुत की लेकिन इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।
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राज्य सूचना आयोग में की अपील
आयुक्त द्वारा आवेदन पर कार्रवाई नहीं किए जाने से नाराज अभिभाषक ने राज्य सूचना आयोग में अपील की लेकिन दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई के बजाए याचिकाकर्ता को सिर्फ परामर्श दिया कि आयोग से आदेश प्राप्ति के 15 दिन के अंदर लोक सूचना अधिकारी के कार्यालय में उपस्थित होकर अभिलेखों का अवलोकन करें और आवश्यक जानकारी को चिन्हित करें। आयोग ने लोक सूचना अधिकारी को भी सिर्फ यह आदेश दिए कि वह जानकारी से संबंधित अभिलेखों का 15 दिन में अवलोकन करावे और चिन्हित अभिलेख की नि:शुल्क प्रमाणित प्रति उसी समय उपलब्ध कराएं।
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नहीं दिखाए दस्तावेज

आदेश के बाद भी नगर निगम में याचिकाकर्ता को अभिलेखों का अवलोकन नहीं कराया गया और उनके द्वारा मांगे गए दस्तावेजों की प्रति भी उपलब्ध नहीं कराई गई। इससे परेशान होकर मजावदिया ने मप्र उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में 22 अक्टूबर को याचिका प्रस्तुत की थी। कानून का मखौल उड़ाने वाले अधिकारियों को दंडित करने व याचिकाकर्ता को मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराने के आदेश देने का आग्रह किया था। उच्च न्यायालय ने याचिका दर्ज कर नगर निगम के लोक सूचना अधिकारी और नगर निगम के अपीलीय अधिकारी, निगम आयुक्त को नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। मामले में याचिकाकर्ता की पैरवी अभिभाषक ऋषिराज त्रिवेदी व कैलाश कौशल द्वारा की जा रही है।
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