कोरोना वायरस के दौरान लगे लॉकडाउन में जब सब कुछ बंद है तो इससे विवाह के आयोजन भी प्रभावित हुए है। अधिक मेहमान के बजाए अब विवाह परिवार की उपस्थिति में ही हो रहे है। इसी प्रकार के एक आयोजन में शहर के टाटा नगर में विवाह पूर्व की रस्म में परिवार के सदस्यों ने सोशल डिस्टेसिंग के नियम का पालन करते हुए नृत्य का लुफ्त लिया है। दुल्हे के पिता रतलाम में जिला कोषालय में अधिकारी है। शहर के टाटा नगर में कोचिंग पढ़ाने वाले मयूर त्रिपाठी का विवाह बुधवार को शहर की शुभमश्री कॉलोनी में रहने वाली रुपाली जोशी के साथ होना है। इसके पूर्व मयूर के परिजन ने मंगलवार को लॉकडाउन के नियम का पालन करते हुए सोशल डिस्टेसिंग रखते हुए न सिर्फ जमकर नृत्य का आनंद लिया, बल्कि माता पूजन, चाक आदि के आयोजन भी किए। तरुण के पिता तरुण त्रिपाठी जो जिला कोषालय में अधिकारी है के परिवार के सदस्यों बताया कि मांगलिक कार्य के दौरान शासन के आदेश का पालन जरूरी है। इसलिए सरकारी नियम अनुसार स्वयं की सुरक्षा के लिए मुंह पर मास्क लगाकर ही विभिन्न आयोजन किए जा रहे है।
लॉक डाउन में फंसे श्रमिकों की पैदल घर वापसी अब भी नहीं रूक रही है। परेशान कुछ श्रमिक बीते पांच दिनों से रेलवे ट्रेक की पटरी पर चलकर 80 किमी का सफर तय कर मंगलवार शाम रतलाम पहुंचे। यहां आए श्रमिकों की माने तो बीते पांच दिन में उन्हे दो बार खाना नसीब हुआ। दोनों बार पटरी किनारे बसे गांव के लोगों ने उनकी मदद की और उन्हे खाना खिलाया। रतलाम पहुंचे इन 17 सदस्यों की माने तो मजदूरी के लिए मेघनगर गए थे, रतलाम आने की व्यवस्था नहीं हुई तो पैदल ही रेल पटरी पर होकर रतलाम आ गए। हर दिन ये लोग 15 से 20 किमी तक चलते थे। तपती गर्मी रही जिसके चलते बहुत ज्यादा उनके लिए चलना भी आसान नहीं था। थकान ज्यादा होने पर ज्यादा देर तक रूकते थे और अगले दिन फिर अपनी मंजिल की और चल पड़ते थे।
कुछ ने भेजा थाने रतलाम में जब यह लोग पहुंचे तो कुछ लोगों ने इनके बारे में जानकारी एकत्र की और सभी लोगों को थाना दीनदयाल नगर पहुंचने की हिदायत दी, जिस पर सभी लोग थाने पहुंच गए। बाद में इन लोगों को स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा मेडिकल चेकअप कराने के लिए जिला अस्पताल जाने की कुछ लोगों ने सलाह दी, जिस पर ये वहां जाने के लिए यहीं बैठे रहे। दरअसल पटरी-पटरी घर आने के चलते रास्ते में बॉर्डर पर इनकी जांच नहीं हो सकी। एेसे में अब रतलाम में इनकी जांच होगी।