इस बात को चार साल हो गए हैं। रतलाम शत-प्रतिशत स्मार्ट मीटर वाला शहर नहीं बन सका है। इसके लिए हर वर्ष समय सीमा बढ़ाई जा रही है। इसका कारण स्मार्ट मीटर की आपूर्ति नहीं हो पाना बताया जा रहा है।
92 हजार से अधिक उपभोक्ता
रतलाम को शत-प्रतिशत स्मार्ट मीटर वाला शहर बनाने के लिए बिजली कंपनी ने इस योजना की शुरुआत नवंबर 2020 में की थी। उस दौरान शहर में 66 हजार से अधिक बिजली उपभोक्ता थे। वर्तमान में शहर में 92 हजार से अधिक उपभोक्ता हो गए हैं। चार साल में बिजली कनेक्शन की संया में 13 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। हर साल तीन प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो रही है। इनमें से अभी तक 76 हजार से अधिक उपभोक्ताओं के यहां पर ही स्मार्ट मीटर लग पाए हैं। शेष उपभोक्ताओं को अभी भी इन मीटरों का इंतजार है। ये भी पढ़ें: PM Awas Yojana: मोटरसाइकिल चलाने वालों को मिलेगा नया घर, फिर जुडे़गे गरीबों के नाम स्लम एरिया में शत-प्रतिशत कार्य
कंपनी ने बिजली चोरी रोकने के लिए शहर के स्लम व आउट ए्िरया में स्मार्ट मीटर का कार्य शत-प्रतिशत हो गया है। शहर के कुछ एरियों में काम बाकी है।
एक साल की समय सीमा दी गई थी उस समय शहर में उपभोक्ताओं की संया 66 हजार थी। वर्तमान में 92 हजार उपभोक्ता हो गए हैं। 76 हजार अधिक उपभोक्ताओं के यहां पर स्मार्ट मीटर लग चुके हैं। शहर में शत-प्रतिशत स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया जारी है। मीटर सप्लाई बाधित होने से परेशानी आती है। – विनोबा तिवारी, कार्यपालन यंत्री, मप्र पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी, शहर संभाग, रतलाम।
तीन माह में 6300 से अधिक मीटर लगे
बीते तीन माह में शहर के विभिन्न हिस्सों में 6300 से अधिक मीटर लगे हैं। इसके साथ ही स्मार्ट मीटर लगने का कार्य जारी है। शत-प्रतिशत स्मार्ट मीटर वाला शहर बनाने में स्मार्ट मीटर की सप्लाई सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है। रतलाम के अलावा अन्य शहरों में भी स्मार्ट मीटर का कार्य शुरू होने से कई बार स्मार्ट मीटर नहीं आने से कार्य प्रभावित होता है। रतलाम के अलावा जावरा में भी इसका कार्य प्रारंभ हो गया है।