आरएसएस याने की राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए यष्टि को स्वयं में शामिल किया है। इसके बारे में निर्णय मुंबई में लिया गया था। यष्टि का प्रदर्शन रतलाम में संघ द्वारा निकाले गए जिला स्तरीय गुणवत्ता पथ संचलन में किया गया।
रतलाम। आरएसएस याने की राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए यष्टि को स्वयं में शामिल किया है। इसके बारे में निर्णय मुंबई में लिया गया था। यष्टि का प्रदर्शन रतलाम में संघ द्वारा निकाले गए जिला स्तरीय गुणवत्ता पथ संचलन में किया गया। देखें खबर का पूरा…
अब शराब पीकर ट्रेन चलाई तो जाएगी आप की ‘नौकरी’ केरल में पूर्व में युद्ध के समय चिरुवली का उपयोग होता था। यह इमली की लकड़ी से बनती है। इसको दो वर्ष तक अध्ययन के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने स्वयं में शामिल किया है। इसके बारे में इसी वर्ष जनवरी में हुए मुंबई के अधिवेशन में लंबा मंथन हुआ, इसके बाद तय किया गया कि इसको चलाने के बारे में राष्ट्र में लगने वाली प्रत्येक शाखा के स्वयं सेवक को सीखाया जाए। अब रविवार को रतलाम में हुए जिला स्तरीय गुणवत्ता पथ संचलन में इसका प्रदर्शन किया गया।
रतलाम सर्किल में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने एयरपोर्ट मंजूर कियाअगस्त ऋषि ने किया था सृजन संघ के पदाधिकारियों के अनुसार यष्टि का सृजन हजारों वर्ष पूर्व अगस्त ऋषि ने किया था। इसको चलाना सीखने में 15 से 20 दिन लगते है। दक्षिण के राज्य में यह इमली के पेड़ से बनती है, लेकिन रतलाम में इसको बबूल से बनाया गया है। संघ ने ड्रेस कोड के बाद यह बड़ा परिवर्तन स्वयं में किया है। जिले में इसको अब सुबह लगने वाली नियमित शाखा, गांव मंे लगने वाली रात्रिकालीन शाखा, साप्ताहिक शाखा में सीखाया जा रहा है।
PINK BOOK VIDEO दिल्ली रतलाम मुंबई के बीच 200 की स्पीड करने के लिए राशि जारीचीन कलरी विद्या में होता है उपयोग असल में चीन की कलरी विद्या जिसमे कुंग फूं, जुडो, कराटे आदि को शामिल किया गया है, इसमे युद्ध की प्रारंभिक शिक्षा यष्टि के माध्यम से ही दी जाती है। संघ के पदाधिकारियों के अनुसार असल में दक्षिण में जिसको चिरुवली कहा जाता है, उसी का नाम संघ ने यष्टि रखा है। अब इसको चलाना सभी को सीखाया जा रहा है। इसके लिए मुंबई में हुए सात दिन के अधिवेशन से प्रांत से विभिन्न पदाधिकारी गए थे। रविवार को इसका प्रदर्शन भी शहर में किया गया।
25 फरवरी तक इन ट्रेनों के बदले रहेंगे रूट, यात्रा करने से पहले देख लें लिस्टयहां से निकला पथ संचलन शहर में संघ ने जिला गुणवत्ता पथ संचलन निकाला। इसमे कदम से कदम मिलाते हुए स्वयं सेवक चल रहे थे। डॉ. अंबेडकर मैदान से निकला पथ संचलन दो बत्ती, स्टेशन रोड, दिल बहार चौराहा, महू रोड फव्वारा, मित्र निवास रोड होते हुए फिर डॉ. अंबेडकर मैदान में समापन हुआ। करीब ३०० स्वयं सेवक इसमे शामिल हुए।
शुभ विवाह मुहूर्त 2020 : एक साल में सिर्फ 56 दिन होंगे सात फेरेपहली बार किया शामिल भारत की प्राचिन युद्ध कला में यष्टि का विशेष महत्व शुरू से रहा है। इसके उपर दो वर्ष तक अध्ययन किया गया, इसके बाद आरएसएस में इसको शामिल किया गया है। रविवार को इसका पहली बार रतलाम में प्रदर्शन किया गया है।