यह है राज परिवार के वंशज, संपत्ति में हिस्से के लिए बोली यह बड़ी बात
आमतोर पर संपत्ति को लेकर आए दिन तरह तरह के विवाद व खूनखराबा होने की सूचनाएं व समाचार आते है, लेकिन यह मामला थोड़ा अलग है। जर्मनी में रहने वाली रतलाम राज परिवार की वंशज महारानी लक्ष्मी कुमारी राठौर ने कहा है कि उनको संपत्ति में कोई हिस्सा नहीं चाहिए। वे चाहती है कि उनके परिवार की विरासत राजमहल को शासन अधिग्रहण करें व उसकी देखभाल करे। इसके लिए रतलाम के लोगों से भी सहयोग की अपील की।
रतलाम. आमतोर पर संपत्ति को लेकर आए दिन तरह तरह के विवाद व खूनखराबा होने की सूचनाएं व समाचार आते है, लेकिन यह मामला थोड़ा अलग है। जर्मनी में रहने वाली रतलाम राज परिवार की वंशज महारानी लक्ष्मी कुमारी राठौर ने कहा है कि उनको संपत्ति में कोई हिस्सा नहीं चाहिए। वे चाहती है कि उनके परिवार की विरासत राजमहल को शासन अधिग्रहण करें व उसकी देखभाल करे। इसके लिए रतलाम के लोगों से भी सहयोग की अपील की।
मां सिसकती रही, बेटे ने कर दिया एेसा काम, की पढ़कर आप भी रो देंगे रतलाम राजवंश की सदस्य लक्ष्मी कुमारी राठौर व उनके बेटे मार्क बर्गर ने सोमवार को मीडिया से बात में कहा कि उनकी दिलचस्पी राज परिवार की संपत्ति की बिक्री को लेकर नहीं है। वे चाहते है कि शासन इसका अधिग्रहण करेंं व इसको हैरिटेज के रुप में विकसीत करें। कम से कम जिस राजमहल का वारिस शासन नहीं है, व किराए से कार्यालय चल रहे है, उसका तो अधिग्रहण किया ही जा सकता है। इस बात को कलेक्टर रूचिका चौहान व शहर विधायक चेतन्य काश्यप के समक्ष बात में उठाया है।
रतलाम सर्किल में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने एयरपोर्ट मंजूर कियाअनेक बार आई है भारत दोपहर करीब 1 बजे भीड़ भरी पत्रकारवार्ता में लक्ष्मीकुमारी ने कहा कि उनके बचपन की, उनके पिता की कई यादे यहां से जुड़ी हुई है। जब 1998 में उनके पिता रणजीतसिंह अलवर में आए व 2011 में दुनिया छोडकर गए तब तक लगातार उनके पिता से संबंध रहा। यहां तक की कई बार वे भारत आई व अपने पिता के साथ अनेक स्थान पर गई।
PINK BOOK VIDEO दिल्ली रतलाम मुंबई के बीच 200 की स्पीड करने के लिए राशि जारीदुर्दशा पर जताई चिंता लक्ष्मीकुमारी व मार्क ने राजमहल परिसर की दुर्दशा पर चिंता जताई। कहा कि वे जब गई तो उनके लगा कि इसको और बेहतर किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि शहर भी इस बारे में अभियान चलाए। अगर इस तरह उनके देश में होता तो जनक्रांति या आंदोलन हो चुका होता। लेकिन भारत शांत देश है, इसलिए वे सिर्फ कह सकती है कि इसके लिए अधिग्रहण की कार्रवाई होना चाहिए। इस मामले में सैलाना के महल को देखा जाना चाहिए, उसको किस तरह से सुरक्षित रखा गया है। इस दौरान पूर्व महाराजा दिग्विजयङ्क्षसह सहित अन्य उपस्थित थे।