29 अगस्त 1922 को नागपुर से आए लॉर्ड बिशप ईवाईआरई ने इसकी शुरुआत की थी। यह वह समय था जब चर्च का कामकाज नागपुर से संचालित होता था। इसके बाद बदलते समय में अब भोपाल व इंदौर से समय समय पर जरूरी निर्देश जारी होते है। चर्च के सचिव एडमिन के अनुसार 7 सितंबर 2008 को चर्च में शरारती तत्वों ने आग लगा दी थी। तब इसका पूरा रिकॉर्ड जल गया, लेकिन बेहतर बात यह रही कि अब भी इसके निर्माण की तारीख का पत्थर सुरक्षित है।
तत्कालीन समय में पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक एेके झिंगरन ने इस चर्च भवन को हैरिटेज भवन की श्रेणी में रखा है। फादर सैमसंग के अनुसार तब महाप्रबंधक के मन में रेलवे कॉलोनी के पूर्व के भवन को हैरिटेज करने की भावना आई तो उन्होंने इसके लिए सर्वे करवाया था। इसके बाद इस चर्च भवन को हैरिटेज भवन घोषित किया गया।