– सभी राज्य व केंद्र शासित प्रदेश नोडल अधिकारी से सामजंस्य बिठाकर ट्रेन चलवा सकते है, लेकिन उनको स्टैंडर्ड नियम का पालन करना होगा।
– रेलवे ने जो नोडल अधिकारी बनाए है, चर्चा उनसे ही होगी, वे ही अंतिम निर्णय तय करेंगे।
– दो अलग-अलग राज्य के मजदूरों को लाने ले जाने के लिए राज्यों का सहमत होना जरूरी है। तब ही ट्रेन चलेगी।
– दो राज्यों की सहमती होने के बाद रैक उपलब्ध होने पर ही ट्रेन चलाई जाएगी।
– ट्रेन में 1200 से अधिक यात्री सफर नहीं करेंगे, कम से कम 90 प्रतिशत यात्री होना जरूरी है व ट्रेन चलने के बाद अंतिम स्टेशन पर ठहराव करेगी। बीच के स्टेशन पर न कोई चढेग़ा नहीं कोई उतरेगा।
– मजदूरों का चयन होने के बाद उनकी पूरी सूची रेलवे को देना अनिवार्य होगा।
– जब श्रमिक उतरेंगे तो उस स्टेशन पर लेने वालों की भीड़ नहीं आए, यह देखना राज्यों का कार्य होगा, जो श्रमिक स्वस्थ्य होने का प्रमाणपत्र लेकर चलेंगे उनको ही ट्रेन में आने की मंजूरी दी जाएगी।
– यात्रियों के बीच ट्रेन में सोशल डिस्टेसिंग के नियम का पालन करना जरूरी होगा, इसकी जवाबदेही राज्यों की होगी।