मिली जानकारी के अनुसार कंजर वारदात तो करते है, लेकिन दलालों के माध्यम से चोरी गए उपकरणों की वसूली कर लेते है, जिससे थाने में केस दर्ज ही नहीं होते है। तो कई कंजर सीमा का फायदा उठाकर वारदात कर निकल जाते हैं। कंजर रात में घूमकर खेतों से रात में कृषि उपकरण और वाहनों को चुरा लेते है, इसके बाद दलालों के माध्यम से जिनके यहां से उपकरण या अन्य सामान जो चोरी जाता है, दलाल के माध्यम से उनसे रुपये लेकर सामान वापस कर देते है, जिससे ये घटनाएं थाने तक पहुंच ही नहीं पाती है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में पुलिस हर दिन इनके आने जाने वालों रास्तो पर ग़स्त कर रही है।
किसान उमरावसिंह ने बताया की कंजर आकर पहले बंदी मांगते है और नहीं देने पर खेतों से कृषि उपकरण, मवेशी आदि ग़ायब कर देते है, इसके बाद में दलाल के माध्यम से छुड़वाना पड़ता है। किसान बद्रीसिंह का कहना है कि कंजर गांव में आकर लोगों से पहले तो बंदी मांगते है, नहीं तो नुक़सान कर जाते है। पुलिस को इनके ऊपर कार्यवाही करके हमें इनके आतंक से मुक्ति दिलाना चाहिए।
भूपेन्द्र सोलंकी, किसान संघ अध्यक्ष आलोट ने बताया कि एक तरफ घोड़ारोज नीलगाय खड़ी फसलों में नुकसान कर रही है, तो दूसरी तरफ प्रशासन भी इस समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है। इसके अलावा खेतों से चोरी करने वाले कंजरों की वजह से नुकसान उठाना पड़ता है। आलोट तहसील में किसान संघ की ओर से ताकत से ज्ञापन व धरना प्रदर्शन करेंगे।
वर्तमान में पुलिस कंजरों के खिलाफ सर्चिंग कर रही है, पिछले महीने भी हमने दबिश दी थी, लेकिन इनके डेरो पर कोई नहीं मिला। इनके आने जाने के रास्तों पर भी निगरानी की जा रही है। रात को भी इनके ऊपर नजऱ रखे हुए है और जल्दी ही इनके ऊपर कार्यवाही की जाएंगी।
दिनेश भोजक, थाना प्रभारी आलोट