लेखा विभाग के एक कर्मचारी ने बताया कि कार्मिक विभाग सेवानिवृत होने वाले कर्मचारी का प्रकरण बनाकर पहले से सेटलमेंट का पूरा भेज देता है। इसमे फिर लेखा विभाग पीएफ को जोडऩे का कार्य करता है। इसके अलावा ग्रेच्यूटी जोडना, जेसी बैंक में खाता है तो उसकी राशि जोडने का कार्य, इसके अलावा वर्षभर में मिलने वाले अवकाश का हिसाब किताब आदि किया जाता है। पूरे सेवा काल की जांच के बाद सेटलमेंट होकर अंतिम चेक बनता है। यह चेक सीधे खाते में जाता है। लॉकडाउन में इस तरह किया कार्य लॉकडाउन की अवधि में कर्मचारियों ने घर से लेकर कार्यालय विशेष परिस्थिति में आकर किया। इस दौरान मार्च से अधिक समस्या या बंद अप्रैल माह में रही। तब भी कार्मिक व लेखा विभाग के कर्मचारी लगातार कार्य करते रहे। मंडल के कार्मिक विभाग के एक कर्मचारी ने बताया कि इसमे मुख्य कल्याण निरीक्षक हरीश चांदवानी का अतिरिक्त सहयोग रहा।
मार्च में रिटायर्ड – 49 कर्मचारी
अप्रैल में रिटायर्ड कर्मचारी – 50 मार्च में सेटलमेंट – 12 करोड़ 84 लाख रुपये
अप्रैल में सेटलमेंट – 8 करोड़ 20 लाख रुपये
कुल कर्मचारी – 99
कुल सेटलमेंट राशि – 21 करोड़ 4 लाख रुपये
एक रेल कर्मचारी अपनी पूरी जिंदगी भारतीय रेल को देता है। तब साथ के कर्मचारियों का यह दायित्व होता है कि वो जब वो सेवानिवृत हो तब उसके पेंशन के सेटलमेंट को समय पर किया जाए। मंडल में कार्मिक व लेखा विभाग ने यह कार्य लॉकडाउन के दौरान भी बेहतर किया है।
– विनित गुप्ता, मंडल रेल प्रबंधक