scriptमहादेव के इस मंदिर में खीर खाने से होती है संतान सुख प्राप्ति, देखें वीडियो | Eating Kheer in this temple of Mahadev leads to child happiness | Patrika News
रतलाम

महादेव के इस मंदिर में खीर खाने से होती है संतान सुख प्राप्ति, देखें वीडियो

दूर-दूर से मन्नत मांगने पहुंचते हैं श्रद्धालु…विरुपाक्ष महादेव और भूल भुलैय्या वाला शिवमंदिर के नाम से है विख्यात….

रतलामFeb 26, 2022 / 07:25 pm

Shailendra Sharma

temple.jpg

रतलाम. देवों के देव महादेव के वैसे तो ऐसे कई मंदिर है जो चमत्कारी व रहस्यमयी हैं लेकिन आज हम आपको महादेव के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहा है जहां महज प्रसाद की खीर खाने से संतान प्राप्ति की मनोकामना पूरी होती है। मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में स्थित इस मंदिर में हर साल संतान सुख की चाह लिए हजारों लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं और खीर का प्रसाद ग्रहण करते हैं। ये मंदिर रतलाम से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित है जिसे विरुपाक्ष महादेव व भूल भुलैय्या वाला शिव मंदिर भी कहा जाता है।


महाशिवरात्रि पर लगता है मेला
विरुपाक्ष महादेव जन-जन की आस्था का केंद्र है। श्रावण मास और शिवरात्रि पर बाबा के दरबार में सैकड़ों श्रद्धालु हर दिन दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। महू-नीमच फोरलेन पर रतलाम से करीब 30 किमी दूर बिलपांक ग्राम है। मुख्य सड़क से पूर्व की ओर करीब 2 किमी अंदर विरुपाक्ष महादेव का प्राचीन मंदिर है। यहां महाशिवरात्रि पर मेला लगता है जिसमें देशभर से श्रद्धालु पहुंचते हैं। मान्यता है कि बाबा महादेव के दरबार से कोई खाली हाथ नहीं जाता। सबसे खास बात ये है मंदिर में महाशिवरात्रि पर हवन के बाद खीर के प्रसाद का वितरण किया जाता है जिसे खाने से महिलाओं की सूनी गोद भर जाती है। बताया ये भी जाता है कि जब खीर का प्रसाद ग्रहण करने के बाद संतान की प्राप्ति होती है तो श्रद्धालु एक बार फिर बच्चे के साथ बाबा के मंदिर में मत्था टेकने के लिए आते हैं।

 

यह भी पढ़ें

बोरियों में चिल्लर लेकर बीवी से बोला-चल तुझे स्कूटी दिलाता हूं, गिनने में लगे ढाई घंटे, देखें वीडियो




परमार काल में हुआ था मंदिर का निर्माण
विरुपाक्ष महादेव मंदिर गुर्जर चालुक्य शैली (परमार कला के समकालीन) का मनमोहक उदाहरण है। वहां के स्तम्भ व शिल्प सौंदर्य इस काल के चरमोत्कर्ष को दर्शाते हैं। वर्तमान मंदिर से गुजरात के चालुक्य नरेश सिद्धराज जयसिंह संवत् 1196 का शिलालेख प्राप्त हुआ है। इससे ज्ञात होता है कि महाराजा सिद्धराज जयसिंह ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। मंदिर की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि है, मंदिर प्रवेश के समय सभा मंडप में दाहिने भाग पर शुंग-कुषाणकालीन एक स्तम्भ, जो यह दर्शाता है कि इस काल में भी यहां मंदिर रहा होगा। इस मंदिर में शिल्पकला के रूप में चामुण्डा, हरिहर, विष्णु, शिव, गणपति पार्वती आदि की प्रतिमाएं प्राप्त होती हैं। गर्भगृह के प्रवेश द्वार पर गंगा-यमुना द्वारपाल तथा अन्य अलंकरण हैं। गर्भगृह के मध्य शिवलिंग है तथा एक तोरणद्वार भी लगा हुआ है जो गुर्जर चालुक्य शैली का है।

देखें वीडियो-

https://www.dailymotion.com/embed/video/x88b6b1

Hindi News / Ratlam / महादेव के इस मंदिर में खीर खाने से होती है संतान सुख प्राप्ति, देखें वीडियो

ट्रेंडिंग वीडियो