पर्यावरण सुधार के लिए मंडल में लगातार कार्य किए जा रहे है। अब तक रेलवे का पूरा
ध्यान स्टेशन व ट्रैक की सफाई पर था। अब इससे आगे बढ़कर बॉयोटॉयलेट को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। बॉयोटॉयलेट का बड़ा लाभ ये होता है कि इसमे गंदगी ट्रैक पर नहीं गिरती है। इसके अलावा गंदगी का निष्पादन रेलवे बिजली बनाने के लिए करती है। बॉयोटॉयलेट लगाने में रेलवे ने मंडल में अब तक 8.52 करोड़ रुपए का व्यय किया है।
अब प्लास्टिक मुक्त मंडल विश्व पर्यावरण दिवस से रेलवे एक नया प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है। इसमें मंडल मुख्यालय से लेकर ए व बी स्तर के सभी रेलवे स्टेशन को योजना के पहले चरण में प्लास्टिक मुक्त करने जा रहे है। स्टेशन पर यात्रियों को प्लास्टिक में कोई सामान की बिक्री नहीं होगी। इसके लिए सोमवार शाम को मंडल रेल प्रबंधक आरएन सुनकर ने आदेश जारी कर दिए है। इसके अलावा स्टेशन की सफाई पर ध्यान देने वाला रेलवे अब ट्रैक की सफाई पर ध्यान देने जा रहा है।
पौधा जिंदा रखना होगा मंगलवार को मंडल के अधिकारी पौधारोपण बगंलों से लेकर कार्यालय तक करेंगे। आदेश जारी किए है कि न सिर्फ पौधारोपण किया जाए, बल्कि इनको जिंदा रखने के लिए प्रतिदिन 30 मिनट का समय दिया जाए। अधिकारियों की सीआर में इस बात को उल्लेख किया जाएगा कि किस-किस ने पौधे को जिंदा रखा। दोपहर में 12 बजे बाद स्टेशन पर नुक्कड़ सभा का आयोजन भी किया जाएगा। इतना ही नहीं 6 हजार लीटर की क्षमता वाले डीजल इंजन में बॉयोडीजल भरकर पहली बार मंडल के रतलाम से उदयपुर तक वीरभूमि एक्सपे्रस ट्रेन को चलाया जाएगा।