Rampur: Lockdown में बढ़ गए अपराध, Azam Khan के गढ़ में सात दिन में हुए 6 मर्डर
जौहर ट्रस्ट ने ले ली थी जमीन
इस फैसले पर ख़ुशी जाहिर करते हुए आजम खां (Azam Khan)के धुरविरोधी फैसल लाला खान (Faisal Lala Khan) ने बताया कि सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने जौहर ट्रस्ट को वक़्फ़ संख्या 157 के मुतवल्ली पद से हटाकर अपना एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्ति कर दिया है और जगह वापस उन्हीं ग़रीब यतीमों को आवंटित कर दी है, जो परिवार (Family) यहां 50-60 सालों से रहते आए थे। बोर्ड ने 26 परिवार को जगह आवंटित की है, बोर्ड ने आदेश की कॉपी जौहर ट्रस्ट को भेजने के साथ ज़िलाधिकारी रामपुर (DM Rampur) तथा पुलिस अधीक्षक रामपुर (SP Rampur) को भी भेजी है। फैसल लाला ने बताया कि 31 मार्च को बोर्ड का कार्यकाल ख़त्म होने से पहले ही चेयरमैन ज़फ़र फ़ारूखी ने 20 मार्च को जौहर ट्रस्ट को टर्मिनेट करके वक़्फ़ बोर्ड के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर जुनैद खान को वक़्फ़ संख्या 157 का एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्ति कर दिया था। जिसके बाद एडमिनिस्ट्रेटर ने उसी दिन 26 ग़रीब यतीम परिवारों को जगह आवंटित कर दी थी। बोर्ड ने आदेश की कॉपी रामपुर के डीएम-एसपी सहित जौहर ट्रस्ट को भेज दी थी, परंतु लॉक डाउन की वजह से आदेश अब मिला पाया है।
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ये था मामला
यहां बता दें कि साल 2016 में आज़म खान ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए वक़्फ़ मंत्री की हैसियत से वक़्फ़ संख्या 157 यतीमखाना रामपुर का गैरकानूनी ढंग से जौहर ट्रस्ट को मुतवल्ली बनवा दिया था। उसके बाद आज़म खान ने वहां से सैकड़ो यतीमों को न सिर्फ बल पूर्वक बेदख़ल कर दिया था, बल्कि उनके घरों में लूटपाट कराकर घरों पर बुलडोज़र चलवा दिया था। बाद में आज़म खान ने वहाँ स्कूल के नाम पर बिना नक़्शा पास कराए अपनी अवैध बिल्डिंग खड़ी कर दी थी। जिस पर पीड़ित परिवारों ने कोर्ट में मामला दर्ज करवाया था। फ़िलहाल अब ये फैसला आने के बाद पीड़ित परिवारों ने राहत की सांस ली है।