करीब डेढ़ माह से हैं दिल्ली में रामपुर ( Rampur ) से सांसद आजम खान ( Azam Khan ) करीब डेढ़ महीने से रामपुर से दूर हैं। वह संसद सत्र के दौरान दिल्ली ( Delhi ) में थे। संसद ( Parliament ) सत्र खत्म होने के बाद आजम खान अपने गृह जनपद पहुंच गए हैं। इससे पहले उनके रामपुर में आने पर कयास लगाए जा रहे थे। माना जा रहा था कि वह इस बार बकरीद की नमाज रामपुर में अदा नहीं करेंगे लेकिन आजम खान ने सभी कयासों पर विराम लगा दिया।
पार्टी के कई पदाधिकारी गायब दरअसल, सपा सांसद आजम खान समेत उनके करीबियों के खिलाफ पिछले एक माह में करीब 31 मुकदमे दर्ज हुए हैं। उनके करीबी रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर आले हसन भी फरार चल रहे हैं। पार्टी के कई पदाधिकारी भी महीने भर से गायब हैं। पुलिस लगातार इनके घरों पर दबिश दे रही है। हाल ही में एसपी रामपुर अजय पाल शर्मा ने कहा था कि सांसद आजम खान के खिलाफ कई केस दर्ज हैं। इनमें महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने, शत्रु संपत्ति पर कब्जा करने, किसानों को धमकाने और उनकी जमीन पर कब्जा करने के मामले भी हैं। इसके तमाम सबूत मिले हैं। इसके लेकर आजम खान की कभी भी गिरफ्तारी हो कसती है।
यह कहा आजम खान ने नमाज पढ़ने के बाद उन्होंने कहा, कुर्बानी का मौका है। जिसकी जितनी कुर्बानी हो जाए, अच्छा है। ईद कुर्बानी मांगती है। मेरे पर लगे मुकदमों को लेकर आप सवाल कर रहे हैं। क्या आपको नजर नहीं आता, मुझ पर कोई मुकदमा नहीं है। सारे केस यूनिवर्सिटी पर हैं। सारे मुकदमे बच्चों के स्कूलों पर हैं। आपके हाथों में झाड़ू देना है, संडास साफ कराना है। आपसे सड़कों पर झाड़ू लगवाना है। आपसे गुलामी करवाना है। आपके हाथों में कलम कौन आने देगा? गैरों से शिकायत क्यों करते हो, अपनों से सवाल करो।
डीएम और एसपी को लेकर कही यह बात मीडिया ने जब उनसे पूछा कि डीएम और एसपी तभी कार्रवाई कर रहे हैं, जब लोग शिकायतें लेकर यहां आ रहे हैं। इस पर आजम खान बोले, हाईकोर्ट को पढ़िए। उनके फैसले को देखिए। डीएम व एसपी को लेटर लिखा है। कोर्ट ने पूछा है कि यूनिवर्सिटी पर कार्रवाई किन कारणों से की गई है। हमने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की 40 से ज्यादा रूलिंग दी हैं। उसमें यह बात कही गई है कि तीन साल के बाद किसी भी जमीन को लेकर ऐसी शिकायतें नहीं की जाती हैं और न ही ऐसी कार्रवाई की जाती है, जैसी रामपुर में मेरे ड्रीम प्रोजेक्ट पर की जा रही है। मैने एक-एक इंच जमीन खरीदी है। सैकड़ों बीघा जमीन खरीदने वाला ट्रस्ट पौने चार बीघा जमीन की बेईमानी करेगा।
अनुच्छेद-70 हटाने पर की यह टिप्पणी अनुच्छेद-70 हटाये जाने को लेकर जब मीडिया ने सपा सांसद से पूछा तो उन्होंने कहा, सरकार को कुछ भी करने का अधिकार है। जब उन्हें अधिकार है तो वह कुछ भी कर सकते हैं। ऐसा उन्हें अधिकार भी है। वह अपने अधिकारों को लेकर ही फैसले ले रहे हैं। रामपुर प्रशासन को लेकर उन्होंने कहा, इस तरह की कार्रवाई करते हुए विधानसभा का उपचुनाव जीत लेंगे क्या? क्या भारतीय जनता पार्टी और जिला प्रशासन किसी भाजपाई को चुनाव जिता पाएगा? मुझे हरा पाएगा कोई? मुझ पर जुल्म करके क्या मुझको हराएंगे।
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