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दोस्त था भाजपा नेता
पुलिस के मुताबिक छत्रपाल के भाई पवन ने दो आरोपियों को तमंचा और बाइक उपलब्ध कराई थी, जिन्होंने 20 मई की रात अनुराग की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने आरोपियों से एक पिस्टल, दो तमंचे और एक मोटरसाइकिल बरामद की है। एसपी शगुन गौतम ने कलक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार को आयोजित प्रेसवार्ता में दावा किया कि अनुराग शर्मा की हत्या का षड्यंत्र किसी और ने नहीं, बल्कि उनके करीबी दोस्त भाजपा के पूर्व जिला मंत्री छत्रपाल यादव ने रचा था।
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चिटफंड कम्पनी में हो गया था घाटा
एसपी शगुन गौतम ने बताया कि छत्रपाल यादव ने कुछ साल पहले एक चिटफंड कंपनी खोली थी, जिसमें उसे घाटा उठाना पड़ा था। इस मामले में उस पर मुकदमा भी हुआ था। जिन लोगों ने कंपनी में पैसा लगाया था वह अपना पैसा मांग रहे थे। अनुराग से छत्रपाल के दोस्ताना संबंध थे। उसने पत्नी के गहने तक उसे दे दिए थे। पुलिस के अनुसार, अनुराग अब पत्नी के गहने वापस मांग रहा था और अन्य लोग उससे अपना पैसा मांग रहे थे। ऐसे में छत्रपाल ने अनुराग को रास्ते हटाकर उसकी कमाई के साथ-साथ इलाके में अपना वर्चस्व कायम करने की योजना बनाई। इसके लिए उसने हिमांशु उर्फ बाबू से संपर्क किया। उसके पिता की हत्या का आरोप सुनील पर लगा था। बाद में अनुराग ने इस मामले में दबाव डालकर समझौता करा दिया था और सुनील को अपने घर पर रख लिया था। इस वजह से हिमांशु अनुराग से रंजिश रखने लगा था। छत्रपाल ने हिमांशु के अलावा नूरमहल आवास विकास कॉलोनी के राजकिशोर से संपर्क किया। राजकिशोर ने एक बार अनुराग पर जानलेवा हमला किया था, तब वह बच गया था। इस मामले में छत्रपाल ने समझौता कराया था।
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डराकर हत्या के लिए किया तैयार
भाजपा नेता छत्रपाल ने राजकिशोर को डराया कि समझौता तो हो गया है, लेकिन अनुराग तुमको नहीं छोड़ेगा। तुम्हारे पास अब एक ही रास्ता है कि अनुराग को रास्ते से हटा दो। इसके लिए मैं तुम्हें एक आदमी और हथियार दूंगा। छत्रपाल की योजना मुताबिक, उसके भाई पवन ने 20 मई को मोटरसाइकिल, दो तमंचे और कारतूस उपलब्ध कराए। दोनों ने 20 मई की रात में आगापुर रोड पर अनुराग को उस वक्त गोली मार दी, जब वह स्कूटी से अपने घर जा रहे था। एसपी ने आरोपियों छत्रपाल यादव, उसके भाई पवन, बाबू उर्फ हिमांशु और राजकिशोर को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को 20 हजार रुपये नकद इनाम देने की घोषणा की है।