दरअसल, हम बात कर रहे हैं रामपुर जिले के थाना टांडा क्षेत्र स्थित अलीपुरा गांव की, जहां आजादी के बाद से अब तक कोर्इ पुलिस केस नहीं हुआ है। बता दें कि अलीपुरा मुस्लिम बहुल गांव है, जहां मुस्लिमों के साथ सिख आैर जाट परिवार भी प्रेम भाव से रहते हैं। लोग इतने एकजुट हैं कि वे कभी भी लड़ार्इ-झगड़े में नहीं पड़ते आैर शांति के साथ रहते हैं। यही वजह है कि कभी भी इस गांव पुलिस नहीं पहुंची है। यही वजह है कि जिले के एसपी इस गांव को सम्मानित भी कर चुके हैं। यहां के लोगों में आपसी भाईचारा इस कदर है कि कभी कोई बड़ी समस्या होती है तो ग्रामीण आपस में मिलकर उसे निपटा लेतें हैं, लेकिन आजादी के बाद पहली बार बुधवार को इस गांव में चोर घुसे तो ग्रामीणों एकता आैर सूझबूझ का परिचय देते हुए मामले को आपस में ही सुलटा लिया।
ग्रामीणों ने बताया कि बुधवार को कुछ बदमाश गांव में घुस आए आैर घरों की दीवार फांदकर कर्इ गाय आैर भैंसों को चोरी करके ले जाने लगे। इसी बीच एक महिला ने उन्हें देख लिया आैर शोर मचा दिया। महिला का शोर सुनते ही भारी संख्या में ग्रामीण एकत्रित हो गए। लोगों ने चोरों को दौड़ाया तो उन्होंने फायरिंग करनी शुरू कर दी, लेकिन ग्रामीणों ने हिम्मत नहीं हारी। इसी बीच कुछ ग्रामीणों ने भी जवाबी फायरिंग की तो चोर पशुआें को छोड़ भाग खड़े हुए। इसके बाद सूचना पर पहुंची पुलिस ने अपराध दर्ज करने की बात कही, लेकिन ग्रामीणों ने केस दर्ज कराने से यह कहते हुए मना कर दिया कि इससे गांव की गरिमा को ठेस पहुंचेगी। लोगों ने कहा कि जब चोर अपने प्रयास में सफल ही नहीं हुए तो केस क्यों दर्ज कराया जाए। आज तक उनके गांव में कोर्इ वारदात नहीं हुर्इ है। इसी वजह से अलीपुरा की अलग पहचान है। इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि जिस तरह से वे पहले भी अपने स्तर पर मामलों को सुलझा लेते हैं। इसी तरह ही आपसी बातचीत से सुलझाते रहेंगे।