ज्ञात हो कि जिला प्रशासन ने आजम खान के कार्यकाल में बनाए गए उर्दू गेट को गैरकानूनी बताते हुए गिरा दिया था। इसके बाद प्रशासन ने आजम खान के रामपुर पब्लिक स्कूल के 22 कमरों को खाली कराते हुए यूनानी अस्पताल को सौंप दिया था। जिला प्रशासन ने बताया था कि कमरों पर गैरकानूनी तरीके से कब्जा किया गया था। इस तरह आजम खान के खिलाफ लगातार दो कार्रवार्इ को लेकर सपार्इयों ने जमकर विरोध किया था। आजम खान ने इसका विरोध करते हुए चुनाव के बहिष्कार तक का एेलान कर दिया था। वहीं उनकी पत्नी आैर राज्यसभा सांसद तंजीम फातमा ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर जिला प्रशासन से पति आजम खान को खतरा बताया है। साथ ही उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा देने की भी मांग की है। उन्होंने सीधा आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रशासन लोकसभा के चुनाव में भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए काम कर रहा है। इसलिए जिले के पांच अधिकारियों का तबादला किया जाए।
वहीं इस संबंध में स्वार विधानसभा से आजम खान के पुत्र आैर विधायक अब्दुल्लाह आजम ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात कर जिले के माहौल पर चर्चा की थी। साथ ही शुक्रवार को इसका प्रस्ताव अखिलेश यादव को भी भेजा गया, जिसमें बताया गया था कि रामपुर में प्रशासन की वजह से दहशत का माहौल है। इसके बाद अखिलेश यादव ने शनिवार को मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र भेजा। इस पत्र लेकर सपा नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिला आैर रामपुर के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इसके बाद अब चुनाव आयोग ने जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह के खिलाफ जांच बिठा दी है। बताया जा रहा है कि इसकी जांच अब मुरादाबाद के कमिश्नर आैर आर्इजी को सौंप दी गर्इ है।