विश्व की सबसे अद्वितीय 369 फीट की ऊंचाई वाली शिव प्रतिमा का आज लोकार्पण, नहीं विश्वार्पण हुआ है। यह श्रद्धा की ऊंचाई है, न कि स्पर्धा की। बापू ने कहा कि यह प्रतिभावंत प्रतिमा है। भगवान विश्वनाथ श्रीनाथजी से मिलने आए हैं। इससे पहले ऐसा न देखा, न सुना है। आज रसराज नटराज से मिलने आ रहे हैं। एक साधु के नाते मुझे अति प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने कहा कि आप सबके प्रयास से राजस्थान की भूमि और प्रसन्न और प्रपन्न हो, यह मैं प्रार्थना करता हूं।
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बापू की कथा से राम का संदेश देश-दुनिया में पहुंच रहा
समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बापू की कथा से पूरे देश के अंदर और बाहर भी मर्यादा पुरुषोत्तम राम का भाईचारे का संदेश पहुंच रहा है और आगे भी ऐसा होता रहे। गहलोत ने कहा, मैं भी बापू से 22 साल पहले जयपुर में मिला था। तब उन्होंने मदन पालीवाल की प्रंशसा की थी।
नौ दिवसीय कथा भी शुरू
समारोहस्थल पर मूर्ति की प्रतिकृति का अनावरण कर सांकेतिक लोकार्पण किया गया। इसके साथ ही यहां मोरारी बापू के कंठ से नौ दिवसीय रामकथा का शुभारम्भ भी हुआ। रविवार से प्रतिदिन सुबह 10 से 1:30 बजे तक कथावाचन होगा। रामकथा सुनने राजस्थान के अलावा गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र व अन्य राज्यों से हजारों श्रद्धालु यहां परिवार सहित पहुंचे।