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लोकल वाहनों को टोल मुक्त करने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने किया यह काम…जानें पूरा मामला

नेगडिय़ा टोल प्लाजा पर देलवाड़ा तहसील क्षेत्र के लोगों ने लोकल वाहनों को टोल फ्री और टोल प्लाजा के बगल से बने रास्ते को खुलवाने की मांग को लेकर महापड़ाव डाल दिया। शाम तक चले इस विवाद में रास्ते विवाद के हल होने तक स्थानीय लोगों को टोल मुक्त करने के निर्देश दिए गए। तब जाकर मामला शांत हुआ।

राजसमंदOct 15, 2024 / 11:19 am

himanshu dhawal

नेगडिय़ा टोल के पास धरने पर बैठे ग्रामीण।

देलवाड़ा. उदयपुर-गोमती राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित नेगडिय़ा टोल प्लाजा पर सोमवार दिनभर देलवाड़ा तहसील क्षेत्र के लोगों ने लोकल वाहनों को टोल फ्री और टोल प्लाजा के बगल में बने रास्ते को खुलवाने के लिए महापड़ाव करते हुए धरना-प्रदर्शन किया। कस्बे सहित आसपास के नेगडिय़ा, बिलोता, कालीवास, शिशवी, करोली, केसूली, लाल मादड़ी आदि पंचायतों के ग्रामीण सोमवार सुबह से टोल प्लाजा पर एकत्र होना शुरू हुए, जो शाम तक डटे रहे। बड़ी संख्या में लोगों के टोल पर इक_ा होने की सूचना पर भारी संख्या में पुलिस बल भी मौके पर तैनात रहा। स्थानीय लोगों की टोल के बगल में स्थित रास्ते को खोलने या टोल फ्री करने की मांग पर शुरूआती चरण में टोल प्रबंधन ने घेराव कर रहे लोगों को टोल फ्री करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के ही अधिकारिक होने का हवाला देते हुए इंकार कर दिया। सूचना पर पहुंचे देलवाड़ा तहसीलदार ने घेराव कर रहे लोगों को शांति रखने की अपील करते हुए टोल के बगल में बने रास्ते के सरकारी रिकॉर्ड में इंद्राज की स्थिति से अवगत कराने का आश्वासन दिया।

दो घंटे में जानकारी देने के दिए निर्देश

टोल पर बड़ी संख्या में लोगों के डटे रहने की सूचना पर विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने टोल प्रबंधन को मौके पर बुलाया और आंदोलनकारियों की मांग के अनुरूप तहसीलदार आशीष सोनी से रास्ते के सरकारी अंकन की जानकारी मांगी। तहसीलदार की ओर से रिकॉर्ड में रास्ता दर्ज होना बताने पर विधायक ने टोल प्रबंधक महेश मिश्रा को दो घंटे में रास्ता बंद रखने के संबंध दस्तावेज पेश करने के निर्देश दिए। इसके बाद विधायक किसी बैठक में भाग लेने चले गए। इसके बाद शाम को दो घंटे मियाद की निर्धारित अवधि बीत जाने पर टोल प्रबंधन और स्थानीय युवाओं के साथ तहसीलदार, सर्कल इंस्पेक्टर दलपत सिंह, थानाधिकारी विजेंद्र सिंह व खमनोर थानाधिकारी कमलेंद्र सिंह के साथ बैठक हुई। इसमें टोल प्रबंधन के पास रास्ते के संबंध में दस्तावेज की जांच की गई, जिसमें रास्ता संबंधी प्रकरण न्यायिक प्रक्रिया में होना सामने आया, जिससे बैठक एकबारगी फिर बेनतीजा समाप्त हो गई। ऐसे में टोल पर बड़ी संख्या में आरपार की लडाई के लिए जमे देलवाड़ा तहसील क्षेत्र के युवा बेनतीजा बैठक से संतुष्ट नहीं हुए और आक्रोश व्यक्त करने लगे। इस बीच विधायक नाथद्वारा से लौटकर आए और टोल कंपनी और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थानीय लोगों को देलवाड़ा तहसील मुख्यालय पर आने-जाने में जो अर्थ भार लग रहा है उसका समाधान संजीदा होकर करने और मौके पर डटे लोगों को राहत मिले इसके लिए हर संभव प्रयास करने के निर्देश दिए।

रास्ते के समाधान तक किया टोल मुक्त

ग्रामीणों के दिनभर डटे रहने और विधायक के साथ टोल प्रबंधन की दो चरणों की वार्ता में शाम सवा सात बजे टोल आफिस में टोल कंपनी की ओर से टोल के बगल में स्थित रास्ते के लीगल दस्तावेज प्रस्तुत न करने तक तहसील क्षेत्र के वाहन धारकों को बिना टोल चुकाए गुजरने देना मंजूर किया। विधायक ने बैठक में हुए समझौते से टोल का घेराव कर रहे लोगों को अवगत कराया तो टोल का घेराव कर रहे लोगों ने विधायक के पक्ष में नारे लगाए और घेराव समाप्त कर दिया। हालांकि, ज्यादातर लोगों ने इसे टोल प्रबंधन की नई चाल बताते हुए आंदोलन को कमजोर करना बताया। इससे पूर्व विधायक की टोल प्रबंधन से रास्ते संबंधी बातचीत पर टोल प्रबंधन ने कभी हाइकोर्ट में तो कभी सेशन न्यायालय में प्रकरण का हवाला दिया।

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