बहला-फुसलाकर ले गए आरोपी
न्यायालय में राज्य सरकार व पीडि़ता की ओर से पैरवी करते हुए विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य ने 19 गवाह तथा 34 दस्तावेज न्यायालय में पेश किए। पीडि़ता ने बताया कि घटना वाले दिन अभियुक्त गण उसे बहला फुसलाकर उसके गांव से गाड़ी में बिठाकर अभियुक्त बादल सिंह के घर लेकर गए। फिर बादल और मनीष पीडि़ता को कोर्ट में स्टांप वाले के यहां लेकर गए किंतु पीडि़ता के नाबालिग होने से पीडि़ता के नाम पर स्टांप नहीं दिया। फिर अभियुक्त के नाम से स्टांप खरीदा और पीडि़ता को बिना पढ़ाए उसके हस्ताक्षर करवाए। फिर अभियुक्त बादल सिंह उसे उसकी बहन के घर लेकर गया जहां उसने पीडि़ता को दो दिन तक रखा और उसके साथ जबरदस्ती बलात्कार किया। न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात अभियुक्त बादल सिंह पुलिस थाना सविना जिला उदयपुर को दोषसिद्ध घोषित किया तथा सह अभियुक्त मनीष को साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त घोषित किया गया।
एफएसएल और डीएनए रिपोर्ट की पेश
किशोरी का व्यपहरण कर उसके साथ एक से अधिक बार बलात्कार, गुरुत्तर प्रवेशन लैंगिक हमला करने का अपराध साबित हुआ है। इस पर पॉक्सो न्यायालय ने अभियुक्त बादल सिंह को विभिन्न धाराओं में 20 वर्ष के कठोर कारावास तथा 20,000 जुर्माने की सजा से दंडित किया गया। विशिष्ट लोक अभियोजक ने न्यायालय में एफएसएल/ डीएनए रिपोर्ट आदि पेश की।