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गलत काम करने वाले को मिली ऐसी सख्त सजा, निकल गए आंसू…पढ़े पूरा मामला

दुष्कर्म के आरोपी को पॉक्सो कोर्ट ने सुनाया 20 वर्ष का कठोर कारावास, 30 हजार जुर्माने की सजा
पॉक्सो न्यायालय की न्यायाधीश ने सुनाई सजा, एक युवक को साक्ष्य के अभाव में ेकिया दोषमुक्त

राजसमंदJul 07, 2024 / 11:17 am

himanshu dhawal

पुलिस गिरफ्त में पोक्सो का आरोपी

राजसमंद. नाबालिग किशोरी को बहला-फुसलाकर, जबरन शादी करने के लिए ले-जाने व उसके साथ बलात्कार करने के आरोपी को पॉक्सो न्यायालय की न्यायाधीश पूर्णिमा गौड़ ने 20 वर्ष के कठोर कारावास तथा 30,000 जुर्माने की सजा से दंडित किया। विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य ने बताया 16 जुलाई 2020 को पीडि़ता के पिता ने भीम पुलिस थाने में एक रिपोर्ट पेश की कि उसकी नाबालिग पुत्री 16 वर्ष की है। वह परिवार सहित उदयपुर में रहते थे, परंतु कोरोना महामारी एवं लॉकडाउन के कारण परिवार सहित पैतृक गांव में 23 मार्च 2020 को आ गए, तब से परिवार सहित गांव में ही रह रहे हैं। पति-पत्नी नरेगा कार्य पर मजदूरी कर रहे हैं तथा रोजाना की तरह 15 जुलाई 2020 को सुबह 6 बजे वे पति-पत्नी अपने घर से 2 किमी दूर नरेगा कार्य पर गए। घर पर अपनी नाबालिक पुत्री को छोडकऱ गए एवं उसको घरेलू कार्य करने एवं इसके बाद अपने छोटे भाई के घर जाने की हिदायत देकर गए। उस दिन मजदूरी से छुट्टी होने पर दोपहर 1.45 बजे घर आए तो बच्ची घर पर नहीं मिली जिस पर उसके भाई के घर आवाज लगाई, तो वहां से बताया कि वह तो आज जल्दी ही पानी भरने का कहकर चली गई तथा यहां पर वापस नहीं आई, जिस पर उन्होंने आसपास व रिश्तेदारी में बच्ची की तलाश की लेकिन उसका कोई पता नहीं चला.. इत्यादि। उक्त रिपोर्ट पर पुलिस थाना भीम की ओर से प्रकरण पंजीबद्ध कर आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर पॉक्सो न्यायालय राजसमंद में अभियुक्त बादल सिंह व मनीष के विरुद्ध आरोप पत्र प्रस्तुत किया।

बहला-फुसलाकर ले गए आरोपी

न्यायालय में राज्य सरकार व पीडि़ता की ओर से पैरवी करते हुए विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य ने 19 गवाह तथा 34 दस्तावेज न्यायालय में पेश किए। पीडि़ता ने बताया कि घटना वाले दिन अभियुक्त गण उसे बहला फुसलाकर उसके गांव से गाड़ी में बिठाकर अभियुक्त बादल सिंह के घर लेकर गए। फिर बादल और मनीष पीडि़ता को कोर्ट में स्टांप वाले के यहां लेकर गए किंतु पीडि़ता के नाबालिग होने से पीडि़ता के नाम पर स्टांप नहीं दिया। फिर अभियुक्त के नाम से स्टांप खरीदा और पीडि़ता को बिना पढ़ाए उसके हस्ताक्षर करवाए। फिर अभियुक्त बादल सिंह उसे उसकी बहन के घर लेकर गया जहां उसने पीडि़ता को दो दिन तक रखा और उसके साथ जबरदस्ती बलात्कार किया। न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात अभियुक्त बादल सिंह पुलिस थाना सविना जिला उदयपुर को दोषसिद्ध घोषित किया तथा सह अभियुक्त मनीष को साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त घोषित किया गया।

एफएसएल और डीएनए रिपोर्ट की पेश

किशोरी का व्यपहरण कर उसके साथ एक से अधिक बार बलात्कार, गुरुत्तर प्रवेशन लैंगिक हमला करने का अपराध साबित हुआ है। इस पर पॉक्सो न्यायालय ने अभियुक्त बादल सिंह को विभिन्न धाराओं में 20 वर्ष के कठोर कारावास तथा 20,000 जुर्माने की सजा से दंडित किया गया। विशिष्ट लोक अभियोजक ने न्यायालय में एफएसएल/ डीएनए रिपोर्ट आदि पेश की।

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