सरकार की ओर से सहायता राशि प्राप्त करने के लिए लोग यहां से वहां भटक रहे हैं। सरकारी मदद की सरकार ने घोषणा तो कर दी, लेकिन परिजनों को जरूरी कागजी कार्यवाही में अस्पताल और सम्बंधित चिकित्सा संस्थान सहयोग नहीं कर रहे हैं। पीडि़त और आहत परिवार अब राहत प्राप्त करने के लिए भी पापड़ बेलने को मजबूर हैं।
ग्रामीणों को नहीं मिल रही जानकारी: मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता की घोषणा के बाद परिजनों को स्पष्ट जानकारी भी नहीं मिल पा रही है कि आवेदन कैसे करें, कहां करें, किसे जमा करवाना है, आवेदन के साथ क्या-क्या जरूरी दस्तावेज लगाने हैं।
जिन बच्चों के माता-पिता का निधन कोरोना बीमारी से हुआ है, उन्हें पहली बार में एक लाख की आर्थिक सहायता, फिर प्रतिमाह 2500 रुपए
बच्चों की 18 साल की उम्र पूरी होने पर एकमुश्त पांच लाख की मदद
12वीं कक्षा तक की पढ़ाई आवासीय स्कूल में निशुल्क
बेरोजगार युवाओं को भत्ता
कोरोना से जिन महिलाओं के पति की मौत हुई है, उन्हें एकमुश्त एक लाख की आर्थिक सहायता
महिलाओं को प्रतिमाह 1500 रुपए की पेंशन
विधवा महिलाओं के यदि बच्चे हैं, तो उन्हें अलग से 1000 की सहायता हर माह
बच्चों को ड्रेस व किताबें खरीदने के लिए सालाना 2000 रुपए
चिकित्सा विभाग की ओर से जारी सूची के अनुसार जिले में २५ मई, २०२० से १७ जून, 2021 तक 167 व्यक्तियों की कोरोना से मृत्यु हुई।
डॉ. राजकुमार खोलिया, ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी, राजसमंद