यूं चली साधारण सभा की कार्रवाई
जिला परिषद की साधारण सभा जिला प्रमुख रतनी देवी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई। करीब ढ़ाई घंटे चली साधारण सभा में एसीईओ सुमन अजमेरा ने 4 सितम्बर 2024 की साधारण सभा की अनुपालना रिपोर्ट पर अधिकारियों के जबाव सदन में पढऩा शुरू किया, इस पर जनप्रतिनिधियों ने 6 फरवरी 2024 को हुई अनुपालना प्रतिवेदन पर चर्चा करने की बात कही। इसमें अधिकारियों की ओर से प्रस्तुत किए गए अधिकांश जवाब से जनप्रतिनिधि संतुष्ठ नहीं हुए। जनप्रतिनिधियों ने जलदाय विभाग के अधिकारियों से कहा कि मौके पर काम ही नहीं हुआ और कागजों में काम पूरा होना बताया जा रहा है। कहीं पर पानी की टंकी तो बना दी, लेकिन पाइप लाइन डाल दी लेकिन पानी की कनेक्शन नहीं होने से लाभ नहीं मिल रहा है। सडक़ों का निर्माण घटिया करवाया गया है। इस तरह के आरोप लगने पर जिला कलक्टर बाल मुकुंद असावा ने संबंधित विभागों के अधिकारियों से काम को जल्द पूरा करने के लिए समय सीमा तय कर जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों को अवगत कराने के निर्देश दिए। इस दौरान अनुपालना रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान कुछ प्रस्ताव लिए गए। मनरेगा की वार्षिक कार्ययोजना का सर्वसम्मति से स्वीकृत कर साधारण सभा के समापन की घोषणा की गई। साधारण सभा में भीम विधायक हरिसिंह रावत, कुंभलगढ़ विधायक सुरेन्द्र सिंह राठौड़, उप जिला प्रमुख सोहनी देवी, जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा और जिला परिषद सीईओ बृजमोहन बैरवा मंचस्थ रहे। यह कहा जनप्रतिनिधियों ने…
- भीम ब्लॉक की बिलियावास, सारोठ, डूंगरखेड़ा, बार और लगेत खेड़ा में टंकी बनी पाइप लाइन बिछी, लेकिन अभी तक घरों में पानी नहीं पहुंचा।
- बामनियां कला में स्कूल भवन का निर्माण शुरू नहीं हुआ है, जबकि वर्क ऑर्डर तक जारी है।
- पानी की सप्लाई करने वाले टैंकरों का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है।
- भीम विधानसभा में नवनिर्मित स्टेडियमों का भौतिक सत्यापन करवाया जाए।
- उथनोल की गमेती बस्ती में पानी नहीं पहुंच रहा है, एक घर के लिए 500 मीटर लाइन बिछाई गई है।
- पंचायतों में स्ट्रीट लाइट लगाई जा रही है, उसमें भ्रष्ट्राचार का आरोप लगाकर जांच करवाने की मांग की
- ओवरलोड मार्बल-ग्रेनाइट से रोड़ क्षतिग्रस्त हो रहे हैं, इनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए
- अवैध खनन के कारण मगरे गायब हो गए हैं, मिलिभगत का आरोप लगाकर कार्रवाई की मांग
- सडक़ निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग, क्वालिटी कन्ट्रोल से जांच कराने की रखी मांग
आचार संहिता में हिन्दुस्तान जिंक को जमीन आवंटित, नहीं हो रही कार्रवाई
साधारण सभा में रेलमगरा प्रधान आदित्य प्रताप सिंह ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि आचार संहिता के दौरान नियमों से परे जाकर हिन्दुस्तान जिंक को जमीन आवंटित की गई। जिंक को जहां पर जमीन आवंटित की गई है, उससे भी आगे जाकर काम किया जा रहा है। रोड तक खोद दी है। ग्रामीणों के विरोध करने पर पुलिस पर दबाव बनाकर मुकदमें दर्ज करवाए जा रहे हैं। उन्होंने सदन में जिला कलक्टर को दी गई शिकायत भी दिखाई। इस पर जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा ने कहा कि आप जिन अधिकारियों पर आरोप लगा रहे हैं उनकी लिखित में शिकायत करें। आपने जो ज्ञापन दिया था उसके लिए उपखण्ड अधिकारी को रिपोर्ट देने को कहा है। सार्वजनिक निर्माण विभाग की सडक़ को तोड़ी गई है उससे अवगत कराया जाए।
एलडीसी के स्थानान्तरण पर हुए आमने-सामने
जिला परिषद सदस्य ज्योति कंवर ने भीम बीडीओ से एक एलडीसी का स्थानान्तरण करने की बात पूछी। उन्होंने कहा कि आपने किनके आदेश पर उसका स्थानान्तरण किया है। उन्होंने कहा कि जिला परिषद सदस्य चने भूगने खाने के लिए आते हैं। इस पर भीम विधायक हरिसिंह रावत ने कहा कि ऐसे मुद्दे साधारण सभा में नहीं उठाए। दोनों के बीच बहस होने लगी। इस दौरान जिला परिषद सीईओ बैरवा ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के राज के आदेशों का पालन करना चाहिए।
यह जनप्रतिनिधि रहे मौजूद, रखी बात
साधारण सभा में राजसमंद प्रधान अरविंद सिंह, भीम प्रधान बीरम सिंह, खमनोर प्रधान भेरूलाल बीरवाल, जिला परिषद सदस्य लेहरूलाल अहीर, कूकसिंह, रतन कुंवर, पप्पूलाल, देऊ बाई, राजूडी गमेती, समुन्द्र सिंह, गोपाल लाल, नरेन्द्र बागड़ी एवं टीना गहलोत सहित कई जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
इतिहास के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं
जिला परिषद सदस्य रतन कुंवर झाला ने कहा कि हल्दी घाटी का दर्रा महाराणा प्रताप के युद्ध के लिए प्रसिद्ध है। सडक़ निर्माण के लिए ऐतिहासिक स्थल के मूल स्वरूप को खत्म किया गया है। सडक़ निर्माण का विरोध नहीं है, लेकिन इतिहास के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। चेतक ने जिस दर्रे से छलांग लगाई थी वहां तक पर्यटकों के जाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।
मनरेगा की कार्य योजना में 36741 कार्य प्रस्तावित
साधारण सभा में महात्मा गांधी नरेगा वार्षिक कार्य योजना वर्ष 2025-26 के लिए 36471 कार्यो के लिए 54,492 लाख रुपए प्रस्तावित किए गए हैं। इसमें ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के 35966 कार्यो पर 51841 लाख, सार्वजनिक निर्माण विभाग के 283 कार्यो पर 974.8 लाख, जल संसाधन विभाग के 222 कार्यो पर 634.7 लाख, वन विभाग के 193 कार्यो पर 715.2 लाख एवं अन्य विभाग के 77 कार्यो पर 326.4 लाख रुपए खर्च होना प्रस्तावित है। इसे सदन ने सर्वसम्मति से पास किया।