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कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व प्रोजेक्ट कहीं चले न जाए ठंडे बस्ते में !

– टाइगर रिजर्व के लिए प्री-बेस सर्वे के बाद से नहीं कोई हलचल, – वन विभाग के अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने साधी चुप्पी

राजसमंदJan 31, 2023 / 11:20 am

himanshu dhawal

कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व प्रोजेक्ट कहीं चले न जाए ठंडे बस्ते में !

कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व प्रोजेक्ट कहीं चले न जाए ठंडे बस्ते में !

हिमांशु धवल@ राजसमंद. कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व बनाने के लिए जोर-शोर से तैयारियां शुरू हुई थी। यहां पर 2025 में टाइगर लाए जाना प्रस्तावित है, गत वर्ष हुए प्रे-बेस सर्वे के बाद से मामला ठंडे बस्ते में जाता दिखाई दे रहा है। सरकार की ओर से इसके लिए इसके लिए अलग से बजट आदि भी जारी नहीं किया गया है।
कुंभलगढ़ नेशनल पार्क को एनसीटीए की टीम ने भी टाइगर के लिए मुफीद माना है। इस दौरान टीम ने यहां पर ग्रासलैंड एरिया और वन्यजीवों की संख्या बढ़ाने की बात कही थी। इसके बाद वन्यजीवों की वास्तविक स्थिति जानने के लिए प्रे-बेस सर्वे कराया गया। इसके बाद से इस मामले में चुप्पी छाई है। कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व की तैयारी के लिए भी सरकार की ओर से किसी प्रकार का अलग से बजट आदि भी जारी नहीं किया गया है। हालांकि वन विभाग के अधिकारी अपने पर स्तर पर होने वाली तैयारी की बात कह रहे हैं। उल्लेखनीय है कि जिले में करीब 50 वर्ष पहले यहां पर टाइगर पाए जाते थे। इसके बाद शिकार के चलते विलुप्त हो गए।
सरकार के स्तर पर यह होने चाहिए काम
– उदयपुर, सिरोही और पाली की वन भूमि को स्थानान्तरित करना
– कुंभलगढ़ रिजर्व के एरिया कम है उसे बढ़ाने के लिए खातेदारी जमीनों का अधिग्रहण
– कुंभलगढ़ टाइगर रिर्जव के लिए अलग से बजट आवंटन की आवश्यकता
– टाइगर के भोजन योग्य वन्यजीवों की संख्या बढ़ाने की दिशा में काम होना चाहिए
वन विभाग ने यह किया काम
– टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों की संख्या बढ़ाने के लिए 40 चीतल रनकपुर मोरडिय़ा एन्कोल्जर में बढ़े हो रहे हैं। इन्हें जंगल में छोड़ा जाएगा।
– वन्यजीवों के लिए ग्रासलैंड को बढ़ाया जा रहा है। वहां पर लगे बबूल को हटाकर ग्रासलैंड बढ़ाया जा रहा है। इससे वन्यजीवों को चारा आदि मिल सके।
– वन्यजीवों को पानी उपलब्ध कराने के लिए कई जगह एनिकट, चौकड़ी आदि बनवाए गए हैं। इसके साथ ही एनजीओ के माध्यम से सोलर पंप लगाए गए हैं। इससे पानी के कुंड आदि भरे रह सकेंगे।
– वन विभाग ने पाली, उदयपुर और राजसमंद जिला कलक्टर को जमीन अधिग्रहण के लिए पत्र लिखा। इसमें डीएलसी दर से प्रभावितों को मुआवजा देने की बात भी कही गई है।
राज्य सरकार प्रस्ताव को डाल रही ठंडे बस्ते में
गत दिनों सांसद दीया कुमारी ने बांदीपुर टाइगर रिजर्व में 22 वीं एनटीसीए की बैठक में भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने की थी। बैठक में सांसद ने कुंभलगढ़ को टाइगर रिजर्व घोषित करने की मांग को फिर रखा। इस पर एनटीसीए के अधिकारियों एवं केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने बताया की एनटीसीए के द्वारा दो बार राज्य सरकार को पत्र लिखने के बावजूद राज्य सरकार इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को नहीं भेज रही है। यह प्रस्ताव पिछले 2 सालों से राज्य सरकार के द्वारा लटकाया जा रहा है, जबकि एनटीसीए की विशेषज्ञ कमेटी ने 2 वर्ष पूर्व ही अपनी रिपोर्ट दे दी थी। रिपोर्ट में कुंभलगढ़ को टाइगर रिजर्व के लिए उपयुक्त माना गया था। लेकिन न जाने क्यों राज्य सरकार हर बार इस प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल देती है।
वन्यजीवों की संख्या बढ़ाने के कर रहे प्रयास
कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व के ठंडे बस्ते में जाने की कोई बात नहीं है। वन विभाग की ओर से कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व के लिए वन्यजीवों की संख्या बढ़ाने के लिए चीतल लाए गए है। ग्रासलैंड तैयार किया जा रहा है। पानी की व्यवस्था करने सहित मुख्यालय से मिले दिशा-निर्देशों के अनुसार काम करवाए जा रहे हैं।
– ए. के. गुप्ता, उप वन संरक्षक, राजसमंद
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