पुजारियों ने प्रभु के बाल स्वरूप के साथ दूध तलाई की दो परिक्रमा पूरी की। परिक्रमा पूरी होने के बाद बाल स्वरूप को नए परिधानों के साथ श्रृंगारित कराया। इसके बाद चांदी की पालकी में प्रभु के बाल स्वरूप को विराजमान करवाकर पुजारी नाचते-गाते शाम 5.30 बजे चारभुजा जी के मंदिर पहुंचे।
•Sep 15, 2024 / 12:13 pm•
Madhusudan Sharma
Hindi News / Photo Gallery / Rajsamand / प्रदेश का एक ऐसा धार्मिक स्थल जहां जल झूलनी पर जुटती है लाखों भक्तों की भीड़, ठाकुरजी के दर्शन को ललायित नजर आए भक्त, गजब का था ये नजारा