राजनांदगांव शहर और इससे लगे ग्रामीण इलाकों में लगातार अवैध प्लाटिंग की शिकायतें सामने आने के बाद कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने मामले में सख्ती बरतने का काम शुरू किया है। दो दिन पहले ही प्रशासन की प्रारंभिक जांच में 70 से ज्यादा जगहों पर अवैध प्लाटिंग का मामला सामने आने के बाद कलेक्टर ने खुद मौके का निरीक्षण करने का काम शुरू किया। शनिवार को इसी मामले को लेकर कलेक्टर ने सुंदरा के पटवारी को निलंबित करने की कार्रवाई की है। अब शहर व इससे लगे 15 क्षेत्रों के 173 खसरा नंबर की खरीदी-बिक्री और नामांतरण को लेकर बड़ा निर्णय लिया गया है।
अवैध प्लाटिंग को शह देने के मामले में नगरीय निकाय के अफसरों के साथ ही सबसे बड़ा हाथ राजस्व अमले का होना माना जा रहा है। राजस्व अमले में पटवारियों की मिलीभगत से अवैध प्लाटिंग को बढ़ावा मिल रहा है। कलक्टर के निर्देश के बाद माना जा रहा है कि चिह्नांकित किए गए इलाकों में पटवारियों की भूमिका की जांच भी होगी। कलेक्टर राजनांदगांव जय प्रकाश मौर्य ने बताया कि अवैध प्लाटिंग को लेकर प्रशासन सख्ती के साथ कार्रवाई करेगा। आम जनता से आग्रह है कि वे अवैध प्लाटिंग के झांसे में आकर अपनी गाढ़ी कमाई न फंसाएं। फिलहाल खरीदी-बिक्री और नामांतरण पर रोक लगाई गई है। आने वाले समय में और बड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अवैध प्लाटिंग को लेकर राजनांदगांव तहसील के 15 अलग-अलग इलाकों को चिह्नांकित किया गया है। इस संबंध में प्राप्त सूची के मुताबिक चिखली के 19, गठुला के 8, बजरंगपुर नवागांव के 24, ढाबा के 12, कौरिनभाठा के 7, कन्हारपुरी के 2, पेंड्री के 23, लखोली के 9, मोहारा के 4, खुटेरी के 3, सोमनी के 5, नंदई के 9, ठाकुरटोला के 1, देवादा के 3, रेवाडीह के 44 खसरा नंबर को अवैध प्लाटिंग के दायरे में लाते हुए इनकी खरीदी-बिक्री व नामांतरण पर रोक लगाई गई है।