CG News: वहीं एनएसयूआई ने डीईओ को हटाने की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन
दो साल पहले हायर सेकेंडरी स्कूल के रूप में अपग्रेड हुए आलीवारा विद्यालय में शिक्षक नहीं होने से पढ़ाई नहीं होने की बात कहते हुए टीचर की मांग को लेकर स्कूल के बच्चे मंगलवार को जिला
कार्यालय पहुंच गए। कलेक्टर ने जब बच्चों को डीईओ के पास भेजा तो शिक्षा अधिकारी उनके चेतावनी भरे आवेदन को देखकर भड़क उठे और बच्चों को जेल भेज चले जाने की धमकी दे डाली। बच्चे उनके चेंबर से रोते-बिलखते निकले और अपनी पीड़ा बताई। इसके बाद तो बवाल ही मच गया।
विधायक की भी नहीं हो रही सुनवाई
विधायक दलेश्वर साहू ने ‘पत्रिका’ से चर्चा करते हुए बताया कि हायर सेकेंडरी स्कूल के बच्चे 15 दिनों पहले शिक्षक की मांग को लेकर उनके पास आए थे, तब उन्होंने डीईओ से फोनिक बात करते हुए शिक्षक पदस्थ करने की मांग रखी थी, लेकिन उन्हें भी आज-कल करते हुए घुमा दिया गया। ये बात अलग है कि 15 साल से विधायकी कर रहे दलेश्वर भी शासन-प्रशासन की मनमानी को लेकर सख्त कदम नहीं उठा पाए। अब
बच्चों के साथ हुए व्यवहार को गलत बता रहे हैं।
बेटियों को दुत्कार व जेल की धमकी क्षम्य नहीं- रूपेश दुबे
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता रूपेश दुबे ने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा शिक्षा अध्ययन में हो रही परेशानी को लेकर उनसे संपर्क करने पर जिस प्रकार से बच्चियों को दुत्कारने की बात उजागर हुई, उससे यह साबित हो गया है कि
भाजपा राज में फिर से 15 वर्षीय भाजपा प्रशासनिक आतंकवाद का बोल बाला हो गया है क्योंकि आठ माह में भी जिस प्रकार से सरकार चल रही है कानून व्यवस्था बदहाल होने के चलते अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। अत: डीईओ को निलंबित कर सरकार बेटियां को शिक्षा व सुरक्षा प्रदान करें।
उग्र आंदोलन कर पुतला दहन की चेतावनी
इधर इस पूरे मामले में एनएसयूआई संगठन ने जिला प्रशासन को शिखा सचिव के नाम ज्ञापन सौंपते हुए विद्यार्थियों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले राजनांदगांव के डीईओ अभय जायसवाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की मांग रख है। तीन दिनों के भीतर शिक्षकों की पदस्थपना नहीं होेने व डीईओ पर कार्रवाई नहीं होने पर मुख्यमंत्री का पुतला दहन करने की चेतावनी दी है। ज्ञापन सौंपने वालों में प्रदेश युवा कांग्रेस प्रवक्ता शुभम शुक्ला, पार्षद गणेश पवार, ऋषि शास्त्री, एनएसयूआई जिला अध्यक्ष अमर झा, प्रदेश संयुक्त मासचिव राजा यादव, नेहा वैष्णव मौजूद रहे।
बच्चों के बीच खेद व्यक्त किया
बच्चों को समझाइश दिया, जिसे वे गलत समझ लिए। इसे बच्चे भी स्वीकार रहे हैं। इसके बाद भी मैंने स्कूल पहुंचकर बच्चों से खेद व्यक्त किया हूं। शिक्षक की वैकल्पिक व्यवस्था भी कर दी गई है।
विधायक भी निष्क्रिय
15 सालों तक विधायकी करने वाले दलेश्वर साहू के गृहग्राम में ही शिक्षक की कमी है, तो इसके लिए विधायक भी जिम्मेदार हैं। अपने ही गांव के बच्चों को शिक्षक नहीं दिला पा रहे हैं, तो उन्हें विधायकी किस काम की। जब गांव के स्कूल की प्रमुख समस्या का समाधान विधायक नहीं कर पा रहे हैं, तो अपने क्षेत्र के अन्य गांवों की समस्या को कैसे दूर कर पाएंगे। बता दें कि स्कूल का जब अपडेशन हुआ, तो प्रदेश में कांग्रेस की ही सरकार थी।